मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने कथित धन शोधन मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल (Naresh Goyal) और उनकी पत्नी अनिता गोयल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) बृहस्पतिवार को रद्द कर दी। केंद्रीय जांच एजेंसी की ईसीआईआर ‘अकबर ट्रैवल्स’ (Akbar Travels) द्वारा की गयी एक शिकायत पर कथित धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए गोयल दंपति के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित थी।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चह्वाण (Justice Revati Mohite Dere and Justice Prithviraj Chavan) की खंडपीठ ने 20 फरवरी 2020 को दर्ज ईसीआईआर और गोयल दंपति के खिलाफ सभी कार्यवाही ‘‘गैरकानूनी और कानून के विपरीत होने” के आधार पर रद्द कर दी। आम तौर पर ईसीआईआर एक तरह से प्राथमिकी के समान होती है जो पुलिस, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और कोई अन्य एजेंसी आपराधिक मामले के आधार पर दर्ज करती है।
इससे पहले, गोयल दंपति के वकील रवि कदम और आबाद पोंडा ने दलील दी थी कि ईसीआईआर 2018 में मुंबई पुलिस में दर्ज एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गयी। लेकिन मार्च 2020 में पुलिस ने यह कहते हुए अंतिम रिपोर्ट दाखिल की कि उन्हें शिकायत में कुछ ठोस नहीं मिला और यह विवाद दीवानी प्रकृति का नजर आता है।
Bombay HC quashed money laundering case filed by ED against Jet Airways Founder Naresh Goyal & his wife.
ED had registered a case under PMLA after taking cognisance of the Mumbai police’s FIR related to alleged cheating by Goyal and others against a travel company in 2020
— ANI (@ANI) February 23, 2023
मजिस्ट्रेट अदालत ने इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था। पुलिस ने अकबर ट्रैवल्स द्वारा दर्ज करायी एक शिकायत के आधार पर कथित धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए गोयल दंपति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी। ट्रैवल एजेंसी ने आरोप लगाया था कि उसे अक्टूबर 2018 से एअरलाइन द्वारा विमानों का संचालन बंद करने के बाद 46 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। (एजेंसी)