
नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Bill) पर किसानों (Farmer) और सरकार (Government) के बीच चल रहा गतिरोध टूटता दिख रहा है। किसान फिर सरकार से बातचीत करने को राजी हो गए हैं। जिसके तहत मंगलवार 29 दिसंबर 2020 को सुबह 11 बजे बैठक होगी।शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस पर पूर्व आप नेता और स्वराज इंडिया (Swaraj India) प्रमुख योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने इस बात की घोषणा की।
यादव ने कहा, “हम संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सभी संगठनों से बातचीत कर ये प्रस्ताव रख रहे हैं कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर 2020 को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए।”
We propose to hold another round of talks with the Centre at 11 am on 29th December: Yogendra Yadav, Swaraj India#FarmLaws pic.twitter.com/BEAG9pkzP3
— ANI (@ANI) December 26, 2020
ज्ञात हो कि ज्ञात हो कि इसके पहले किसान संगठन और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। जिसमें कोई भी निर्णय नहीं निकला। इसके बाद भी सरकार किसानों से बातचीत करने में लगी हुई थी। जिसके लिए कृषि मंत्रालय ने किसानों को दो बार चिट्ठी लिख कर बैठक के लिए समय और दिन तय करने का आग्रह किया था।
बैठक में होगी इन बिंदुओं पर हो बात
स्वराज इंडिया के नेता ने कहा, “बैठक का एजेंडा ये हो और इस क्रम में हो- तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए अपनाई जाने वाली क्रियाविधि, सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए स्वामीनाथन कमीशन द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसपी पर खरीद की कानूनी गांरटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान।”
उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश 2020 में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी हैं, किसानों के हितों की रक्षा के लिए विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे में जरूरी बदलाव हैं।”
31 दिनों से किसान सड़क पर बैठे
किसान पिछले 31 दिन से दिल्ली-हरियाणा के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। सरकार किसानों को समझाने और मनाने के लिए हर कोशिश कर रही हैं. सरकार कानून में 13 संसोधन करने को तैयार हैं, वहीं किसान तीनों कानून के वापिस लेने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।