
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में बीमा (संशोधन) विधेयक, 2021 को पेश किया। इस दौरान विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया और सरकार पर सरकारी संपत्ति बेचने को लेकर खूब आरोप लगाए। विपक्षीयों के इन आरोपों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि, “माल्या, मोदी चौकसी आ रहे भारत, उनको देश के कानून का सामना करने।”
दरअसल, केंद्र सरकार ने 2021 के बजट में बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश को 49 फीसदी से बढ़कर 74 करने की घोषणा की थी। इसी को लेकर वित्तमंत्री सीतारमण ने ऊपरी सदन में बीमा (संशोधन) विधेयक, 2021 को पेश किया। मंत्री के विधेयक पेश करते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। जिसके वजह से सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।
कंपनियां तय करेंगी कितना निवेश चाहिए
सदन में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा, “FDI सीमा एक मजबूरी नहीं है, यह केवल ऊपरी सीमा निर्धारित करती है। सीमा बढ़ने का मतलब सभी कंपनियों के लिए उस स्तर पर स्वचालित विदेशी निवेश नहीं है। हर कंपनी खुद के लिए तय करेगी, क्या वे उस पैसे को चाहते हैं, किस हद तक और इतने पर।”उन्होंने कहा, “इसलिए, यह सक्षम संशोधन केवल उन्हें कुछ धन प्राप्त करने की अनुमति देता है, लेकिन 74% से अधिक नहीं।”
FDI limit not a compulsion, it sets only upper limit. Increasing limit doesn’t mean automatic foreign investment to that level to all companies. Every company will decide for themselves, whether they want that money, to what extent & so on: FM on Insurance (Amendment) Bill, 2021 pic.twitter.com/0AvpmuUQlO
— ANI (@ANI) March 18, 2021
माल्या मोदी आ रहे
राज्यसभा में मंत्री ने कहा कि, “बीमा कंपनियों में तरलता का दबाव है। वित्त मंत्री ने इस दौरान उच्च सदन में यह भी कहा कि विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी… सभी कानून का सामना करने के लिए यहां आ रहे हैं।
पैसा भारत में ही रहेगा
निर्मला सीतारमण ने कहा, “पॉलिसीधारकों का पैसा जो इकट्ठा होने वाला है, उसे केवल भारत के भीतर निवेश करना होगा, यह हमारी सीमाओं को पार नहीं कर सकता है।” इसके बाद भारी हंगामे के बीच विधेयक सदन से पास हो गया है।