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नई दिल्ली/मुंबई: एसेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए  आईटीआर यानी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की लास्ट डेट कल यानी 31 जुलाई 2023 थी। हालांकि ये डेडलाइन उन टैक्सपेयर्स के लिए हैं, जिन्हें अपने खातों का ऑडिट नहीं कराना है। 1 अगस्त से ये मौका खत्म हो जाएगा। डेड लाइन के बाद  आईटीआर दाखिल करने के लिए आपको जुर्माना देना पड़ सकता है।

देरी से ITR फाइल करने पर 5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले टैक्सपेयर्स को 1000 रुपये और 5 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आय पर 5,000 रुपये की लेट फीस वसूले जाने का प्रावधान किया गया है। वहीं, अगर करदाता 31 दिसंबर 2023 के बाद ITR फाइल करता है तो फिर उसे डबल यानी 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।

डेवलपर्स को लगाना होगा QR कोड
महाराष्ट्र रियल स्टेट रेगुलेटर ने डेवलपर्स से एक अगस्त से सभी विज्ञापन और प्रमोशन पर QR कोड लगाने को कहा है. ताकि घर खरीदने वालों को उनके बारे में तुरंत जानकारी मिल सके। ऐसा नहीं करने पर डेवलपर्स को 50,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा। जुर्माना लगाने के बाद भी अगर कोई डेवलपर्स QR कोड नहीं लगाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Axis Bank क्रेडिट कार्ड यूजर्स को झटका
अगर आप एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड (Axis Bank Credit Card) यूजर हैं, तो फिर आज यानी पहली अगस्त 2023 आपके लिए झटका देने वाली तारीख है। दरअसल, बैंक क्रेडिट कार्ड कैशबैक और इंसेंटिव प्वाइंट को कम करने जा रहा है। अब इसमें 1.5 फीसदी ही कैशबैक मिलेगा। बता दें कि ये बदलाव Axis Bank फ्लिपकार्ट एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए करने जा रहा है, जो 12 अगस्त से प्रभावी होगा। 

बासमती चावल के लिए तय किए गए मानक
FSSI ने भारत में पहली बार बासमती चावल के लिए मानक तय किए हैं जो एक कि आज यानी 1 अगस्त से प्रभावी होगा। FSSI ने उम्मीद किया है कि तय स्टैंडर्ड ग्राहकों की हितों की रक्षा करेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि बाजार में बेचे जाने वाले बासमती चावल की खास सुगंध हो। उनमें किसी भी किस्म की कृत्रिम सुगंध और रंग न शामिल हो। मानक भूरे बासमती चावल, मिल्ड बासमती चावल, उबले हुए भूरे बासमती चावल और मिल्ड उबले हुए बासमती चावल पर लागू होंगे।

ई-चालान योजना शुरूआत, जानें इसके बारे में
01 अगस्त यानी आज से अधिक व्यवसायों को ई-इनवॉइसिंग योजना के तहत लाया जाएगा। इसका उद्देश्य बिजनेस-टू-बिजनेस बिक्री को ट्रैक करना है। छोटे व्यवसायों को गुड्स और सर्विसेज टैक्स (GST) के बिना ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए बेचने की अनुमति दी जाएगी। ई-चालान योजना रिटेल लेवल पर बिक्री के अलावा दूसरे सभी बिक्री को कवर करती है।