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    नई दिल्ली: उद्योगपति साइरस मिस्त्री मर्सिडीज बेंज की जिस एसयूवी में सफर कर रहे थे वह तमाम सुरक्षा खूबियों से लैस थी लेकिन पिछली सीट के लिए एयरबैग नहीं होना, उनके लिए जानलेवा साबित हुआ। मिस्त्री का कल सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था।  टाटा संस के पूर्व चेयरमैन मिस्त्री की मर्सिडीज बेंज जीएलसी 220डी एसयूवी महाराष्ट्र के पालघर में सड़क के बीच में बने डिवाइडर से टकरा गई थी। इस हादसे में एसयूवी की पिछली सीट पर बैठे हुए मिस्त्री और उनके एक दोस्त की मृत्यु हो गई।   

    वहीं कार की अगली दोनों सीटों पर बैठे लोग गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे के बाद एक बार फिर वाहनों में मौजूद सुरक्षा संबंधी खूबियों की तरफ लोगों का ध्यान जाने लगा। आमतौर पर महंगी कारों में यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े तमाम फीचर होते हैं लेकिन इसके बावजूद मिस्त्री और उनके दोस्त की जान नहीं बच पाई।  

    दुर्घटनाग्रस्त हुई मर्सिडीज जीएलसी 220डी कार भी सात एयरबैग से लैस थी। लेकिन उसमें एक भी एयरबैग ऐसा नहीं था जो पिछली सीट पर बैठने वाले लोगों को सामने से सुरक्षा दे सके। उसमें पीछे की तरफ सिर्फ साइड वाले एयरबैग ही मौजूद थे। किसी भी दूसरी कार की तरह एयरबैग पूरक प्रतिरोध प्रणाली (एसआरएस) ही होते हैं। प्राथमिक प्रतिरोध प्रणाली का काम तो सीट बेल्ट ही करती है।  

    ऐसा लगता है कि मिस्त्री ने पिछली सीट पर बैठते समय सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। ऐसे में जब तेज रफ्तार कार की डिवाइडर से टक्कर हुई तो बिजली की तेजी से उनका शरीर कार के अगले हिस्से की तरफ फेंक दिया गया। पुलिस की शुरुआती जांच में भी कुछ इसी तरह के संकेत मिले हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कार की तेज रफ्तार और चालक के गलत अनुमान लगाने की वजह से यह हादसा हुआ।   

    घटनास्थल पर पहुंचने वाले अधिकारियों का कहना है कि कार की पिछली सीट पर बैठने वाले दोनों लोगों- मिस्त्री और जहांगीर पंडोले ने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी। इसके अलावा प्रथम दृष्टया हादसे के समय उनकी लक्जरी कार की रफ्तार भी ज्यादा थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, कार की तेज रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पालघर जिले का चरोटी पुलिस नाका पार करने के बाद अगले 20 किलोमीटर का सफर उसने सिर्फ नौ मिनट में ही तय कर लिया था।  

    सूर्या नदी पर बने पुल पर यह तेज रफ्तार कार डिवाइडर से जाकर टकरा गई। इस भीषण हादसे में मिस्त्री और पंडोले की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं कार चला रहीं डॉक्टर अनाहिता पंडोले और उनके बगल वाली सीट पर बैठे उनके पति बुरी तरह घायल हो गए। सीट बेल्ट पहनने की अहमियत पर जोर देते हुए महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा, ‘‘मैं कार की पिछली सीट पर बैठते समय भी सीट बेल्ट पहनने की शपथ लेता हूं। मैं आप सब लोगों से भी यह शपथ लेने का अनुरोध करता हूं। हम सबको अपने परिवार की फिक्र करनी है।” मर्सिडीज के इस मॉडल का नवीनतम संस्करण 68 लाख रुपये की कीमत में आता है। 

    इसमें एक ‘‘प्री-सेफ सिस्टम’ मौजूद है जिसमें आगे की सीट बेल्ट किसी खतरे की स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक ढंग से सक्रिय हो सकती हैं। कंपनी की वेबसाइट कहती है कि यह प्रणाली किसी हादसे की स्थिति में यात्री को अधिक आगे नहीं जाने देती है। इसके अलावा इस मॉडल में घुटनों को सुरक्षा देने के लिए नीबैग भी लगे हुए हैं। आमने-सामने की टक्कर में यह यात्रियों के घुटनों को डैशबोर्ड से जाकर टकराने से बचाने का काम करते हैं। (एजेंसी)