डिंडीगुल (तमिलनाडु). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि महात्मा गांधी के विचारों में जलवायु संकट सहित आधुनिक समय की चुनौतियों का जवाब है। साथ ही, प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की दिशा में काम करने के लिए गांधी से प्रेरित है। यहां गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान के 36वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “गांधीवादी मूल्य बहुत प्रासंगिक होते जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “चाहे संघर्ष को समाप्त करने की बात हो या जलवायु संकट, महात्मा गांधी के विचारों में आज की कई चुनौतियों का जवाब है। गांधीवादी जीवन शैली के छात्र के रूप में आपके पास एक बड़ा प्रभाव डालने का एक बड़ा अवसर है।” मोदी ने कहा, “महात्मा गांधी को सबसे अच्छी श्रद्धांजलि उनके दिल के करीबी विचारों पर काम करना है।”
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi presents an honorary doctorate to music maestro Ilayaraja at the 36th Convocation Ceremony of Gandhigram Rural Institute, Dindigul.
Chief Minister MK Stalin, Governor RN Ravi, and others present at the ceremony. pic.twitter.com/WLtVYpuA4n
— ANI (@ANI) November 11, 2022
प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने खादी को गांवों में “स्वशासन के औजार” के रूप में देखा और उनसे प्रेरित होकर केंद्र देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “खादी को लंबे समय तक उपेक्षित किया गया। लेकिन ‘नेशन के लिए खादी से लेकर फैशन के लिए खादी’ के आह्वान के माध्यम से यह बहुत लोकप्रिय हो गयी है और पिछले आठ वर्षों में बिक्री में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।”
Gandhian values are becoming increasingly relevant. Whether it is about ending conflicts or the climate crisis. Mahatma Gandhi's ideas have the answers to many of today's challenges: PM Modi during the 36th convocation ceremony of Gandhigram Rural Institute, Dindigul, TN pic.twitter.com/qgxPcVYjtE
— ANI (@ANI) November 11, 2022
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यहां तक कि वैश्विक फैशन ब्रांड भी खादी को अपना रहे हैं क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल सामग्री है।” उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी चाहते थे कि गांवों का विकास हो और साथ ही उन्होंने ग्रामीण जीवन के मूल्यों के संरक्षण को प्राथमिकता दी।
मोदी ने कहा, ‘‘हमारा दृष्टिकोण ‘आत्मा गांव की, सुविधा शहर की’ है।” तमिल में नारे को दोहराते हुए उन्होंने कहा, ‘ग्रामथिन आनामा, नागरथिन वसाथी।’ दीक्षांत समारोह में तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि और मुख्यमंत्री एम के स्टालिन भी शामिल हुए। (एजेंसी)