नयी दिल्ली. सरकार ने ब्रिटेन से आने वाले लोगों पर कोविड-19 से जुड़ी अतिरिक्त पाबंदियां लगाने वाला एक यात्रा परामर्श वापस ले लिया है। कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक लगवाने के बाद भारत से ब्रिटेन जाने वाले लोगों के लिए अनिवार्य जांच और पृथक-वास के नियमों को ब्रिटिश सरकार द्वारा स्थगित किये जाने के बाद यह कदम उठाया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 अक्टूबर को जारी एक आधिकारिक ज्ञापन में कहा कि उभरते परिदृश्य के आधार पर, यह निर्णय लिया गया है कि संशोधित दिशानिर्देश वापस लिया गया माना जाए और अंतरराष्ट्रीय आगमन पर 17 फरवरी को जारी पूर्व के दिशानिर्देश ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों पर लागू होंगे।
उल्लेखनीय है कि 17 फरवरी से यात्रा नियमों के मुताबिक एयरलाइनों को ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों को विमान में सवार करने से पहले उनकी आरटी-पीसीआर जांच की नेगेटिव रिपोर्ट सुनिश्चित करनी है। आगमन पर उन्हें भारतीय हवाई अड्डे पर और निकास पर नमूना देने की जरूरत है। रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि होने पर उन्हें पृथक-वास में रहना होगा और उपचार कराना होगा। रिपोर्ट निगेटिव आने पर उनहें सात दिनों के लिए घर पर पृथक रहने की जरूरत होगी और दोबारा जांच करानी होगी।
भारत ने एक अक्टूबर से यह नया नियम लागू किया कि भारत पहुंच रहे ब्रिटिश नागरिकों को चार अक्टूबर से अनिवार्य रूप से 10 दिन पृथक-वास में रहना होगा। भारत ने दोनों देशों के बीच टीका विवाद के बाद यह जवाबी कदम उठाया था। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड टीके को मान्यता तो दे दी थी लेकिन टीके की दोनों खुराक ले चुके भारतीय यात्रियों के लिए 10 दिन के पृथक-वास के प्रावधान को बरकार रखा था, जिसके बाद भारत ने यह घोषणा की थी।
बाद में, ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा था कि ब्रिटेन को भारत की टीका प्रमाणन प्रक्रिया से कुछ समस्या है ना कि कोविशील्ड टीके से। हालांकि, ब्रिटेन ने पिछले हफ्ते भारत सहित 47 गंतव्यों के लिए कोविड-19 से जुड़ी सख्त यात्रा पाबंदियों को रद्द कर दिया। इसके बाद, भारत ने भी ब्रिटेन से आने वालों की कोविड जांच और पाबंदियां हटा ली। (एजेंसी)