Alka Lamba

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नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार के अडानी (Adani) मुद्दे को लेकर दिए बयान के बाद राजनीती में गर्मागर्मी जारी है। इस बीच कांग्रेस नेता अलका लांबा (Alka Lamba) ने शनिवार (8 अप्रैल) को शरद पवार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “डरे हुए, लालची लोग ही आज अपने निजी हितों के चलते तानाशाह सत्ता के गुण गा रहे हैं। देश के लोगों की लड़ाई एक अकेले राहुल गांधी लड़ रहे हैं। पूंजीपति चोरों से भी और चोरों को बचाने वाले चौकीदार से भी।”

उल्लेखनीय है कि इससे पहले, एक मीडिया समूह को दिए गए साक्षात्कार में शरद पवार ने कहा था कि वह अडानी ग्रुप के खिलाफ आरोपों की जेपीसी से जांच के पूरी तरह से खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की एक समिति अधिक उपयुक्त और प्रभावी होगी। एनडीटीवी के साथ एक साक्षात्कार में पवार ने अडाणी समूह का बचाव किया था और उसके संबंध में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर गढ़े जा रहे विमर्श की आलोचना की थी। 

क्या बोले शरद पवार?

उन्होंने कहा था, ‘‘पहले भी कुछ अन्य लोगों द्वारा ऐसे बयान दिए गए थे और इनके कारण कुछ दिनों तक संसद में व्यवधान हुआ था, लेकिन इस बार इस मुद्दे को कुछ ज्यादा ही तूल दिया जा रहा है।” पवार ने कहा था, ‘‘जो मुद्दे सामने रखे गए, उन्हें किसने रखा, हमने कभी इन लोगों के बारे में नहीं सुना, जिन्होंने बयान दिया, (उनकी) पृष्ठभूमि क्या है? जब वे ऐसे मुद्दे उठाते हैं, जिससे देश में बवाल मचता है, तो उसकी कीमत देश की अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है, हम इन बातों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। यह मालूम पड़ता है कि ऐसा लक्षित करके किया जाता है।”

पवार ने कहा था कि अगर जेपीसी में 21 सदस्य हैं, तो संसद में संख्या बल के कारण 15 सत्ता पक्ष से और छह विपक्षी दलों से होंगे, जो समिति पर संदेह पैदा करेगा। मैं पूरी तरह से जेपीसी के खिलाफ नहीं हूं। कई बार जेपीसी गठित हुई है और मैं कुछ जेपीसी का अध्यक्ष रहा हूं। जेपीसी का गठन (संसद में) बहुमत के आधार पर किया जाएगा। जेपीसी के बजाय, मेरा विचार है कि सुप्रीम कोर्ट की समिति अधिक उपयुक्त और प्रभावी होगी। 

पवार ने पत्रकारों से कहा कि अगर जेपीसी में 21 सदस्य हैं, तो संसद में संख्या बल के कारण 15 सत्ता पक्ष से और छह विपक्षी दलों से होंगे, जो समिति पर संदेह पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने एक विशिष्ट समय अवधि में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की एक समिति गठित करने का फैसला किया।

‘मैं पूरी तरह से जेपीसी के खिलाफ नहीं… ‘

 पवार ने कहा, ‘‘मैं पूरी तरह से जेपीसी के खिलाफ नहीं हूं … कई बार जेपीसी गठित हुई है और मैं कुछ जेपीसी का अध्यक्ष रहा हूं। जेपीसी का गठन (संसद में) बहुमत के आधार पर किया जाएगा। जेपीसी के बजाय, मेरा विचार है कि उच्चतम न्यायालय की समिति अधिक उपयुक्त और प्रभावी होगी।”

राकांपा प्रमुख ने यह भी कहा कि उन्हें अमेरिका स्थित ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ के पिछले इतिहास की जानकारी नहीं है, जिसने अरबपति गौतम अडाणी की कंपनियों में शेयर और लेखांकन में हेरफेर तथा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। पवार ने कहा, ‘‘एक विदेशी कंपनी देश में स्थिति का जायजा लेती है। हमें यह तय करना चाहिए कि इस पर कितना ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके बजाय (जेपीसी) उच्चतम न्यायालय की एक समिति अधिक प्रभावी होगी।”