नई दिल्ली. जहां आज कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा'(Bharat Jodo Yatra)शामली के ऐलम गांव में रात्रि विश्राम के बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई में सुबह 6 बजे फिर शुरू हुई। वहीं सुबह घने कोहरे और ठिठुरन भरी सर्दी के बीच अपनी अगली मंजिल की तरफ रवाना हुई इस यात्रा में व्यापक जन समूह देखने को मिला। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग राहुल गांधी की तस्वीर छपी सफेद टी-शर्ट पहने नजर आए। वहीं खुद राहुल एक बार फिर अपनी चर्चित सफेद टीशर्ट में यात्रा करते दिखे।
वहीं बीते बुधवार को कांग्रेस (Congress) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के साथ राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तरह दिखने वाला फैसल चौधरी (Faisal Chaudhary) नाम का एक शख्स भी चला। इन फैसल चौधरी ने ठीक राहुल गांधी की तरह सफ़ेद रंग की एक टी-शर्ट पहनी हुई है। फैसल चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, उन्हें भी राहुल गांधी की तरह सर्दी नहीं लग रही है।
#WATCH | Uttar Pradesh: Faisal Chaudhary, a Congress worker in Meerut, who’s a look-alike of Congress MP Rahul Gandhi, joined ‘Bharat Jodo Yatra’ yesterday in Baghpat. pic.twitter.com/wy6oEQhdaj
— ANI (@ANI) January 5, 2023
जानकारी दें कि, मेरठ के रहने वाले मोहम्मद फैसल चौधरी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े हैं। फैसल चौधरी का यह भी मानना है कि राहुल गांधी एक ईमानदार नेता हैं और वह इसीलिए उनसे प्रभावित हैं। इसके साथ वह भी राहुल गांधी की तरह कड़ाके की ठंड में यात्रा में शामिल रहेंगे। फैसल चौधरी ने कहा कि, “हम राहुल गांधी के साथ मिलकर नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान जरुर खोलेंगे। राहुल गांधी के लिए हमारी टीम तैयार हैं और वह जो बोलेंगे हम वही करेंगे।”
पता हो कि, बीते साल सितंबर में राहुल गांधी की अगुवाई में कन्याकुमारी से शुरू हुई कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ तीन जनवरी को गाजियाबाद की लोनी सरहद से उत्तर प्रदेश में दाखिल हुई थी। उसी दिन यात्रा बागपत पहुंची थी और मवीकलां गांव में पड़ाव डाला था। बीते बुधवार को यात्रा मवीकलां से निकलकर निवारा और सरूरपुर होते हुए बड़ौत जिले में दाखिल हुई थी। शाम को वह शामली पहुंचकर ऐलम गांव में ठहरी थी। हालांकि कांग्रेस इसे गैर राजनीतिक यात्रा बता रही है लेकिन इसके सियासी मायने भी तलाशे जा रहे हैं। कांग्रेस की यह यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गुजर रही है जहां कांग्रेस के पांव तीन दशक पहले उखड़ गए थे।