नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को कहा कि देश में ”एक ध्वज, एक प्रधानमंत्री, एक संविधान” की अवधारणा कोई राजनीतिक नारा नहीं है और भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस सिद्धांत में दृढ़ता से विश्वास करती है तथा उसने जम्मू कश्मीर में आखिरकार यह कर दिखाया है।
‘राजनीतिक नारा’ था एक ध्वज, एक प्रधानमंत्री, एक संविधान
लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत राय ने कहा कि देश में ‘एक निशान, एक प्रधान, एक संविधान’ एक ‘राजनीतिक नारा’ था। इस पर शाह ने आश्चर्य जताया कि एक देश में दो प्रधानमंत्री, दो संविधान और दो ध्वज कैसे हो सकते हैं। उन्होंने राय की टिप्पणियों को ‘आपत्तिजनक’ करार दिया।
"How can country have two PMs, two constitutions and two flags?" Amit Shah in Lok Sabha
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— ANI Digital (@ani_digital) December 5, 2023
अमित शाह ने दिए ये जवाब
विपक्षी सदस्यों की एक टिप्पणी का जवाब देते हुए, शाह ने कहा, ‘‘जिसने भी यह किया था, वह गलत था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे सही किया है। आपकी सहमति या असहमति कोई मायने नहीं रखती। पूरा देश यह चाहता था।” शाह की यह टिप्पणी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के स्पष्ट संदर्भ में की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि ‘‘एक निशान, एक प्रधान, एक संविधान” कोई चुनावी नारा नहीं था।
पीयूष गोयल ने कहा
उन्होंने कहा, ‘‘हम 1950 से कहते आ रहे हैं कि एक देश में एक प्रधानमंत्री, एक (राष्ट्रीय) ध्वज और एक संविधान होना चाहिए और हमने ऐसा किया है।” ‘जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक’ पर राय का वक्तव्य समाप्त होने के तुरंत बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जब टीएमसी नेता ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी का उल्लेख किया, तो उन्हें उनके बलिदान को भी याद करना चाहिए था।
अनुराग ठाकुर ने व्यक्त की तीखी प्रतिक्रिया
इस पर राय ने कहा कि उन्होंने मुखर्जी के नाम पर बने कॉलेज में पढ़ाया था और ‘एक निशान, एक प्रधान, एक संविधान’ उनका नारा था और यह एक ‘राजनीतिक नारा’ था। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एक समय था जब श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने जा रहे नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया था, आज कश्मीर की हर गली में तिरंगा लहरा रहा है।