Narendra Modi In Telangana
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो: पीटीआई)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि जब तक वह जीवित हैं दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का आरक्षण मुसलमानों को धर्म के आधार पर नहीं देने देंगे।

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हैदराबाद. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि जब तक वह जीवित हैं दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का आरक्षण मुसलमानों को धर्म के आधार पर नहीं देने देंगे। मोदी ने यह बात कांग्रेस के इस आरोप पर कही कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संविधान को बदल देगी और आरक्षण खत्म कर देगी। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने (अविभाजित आंध्र प्रदेश में) सत्ता में रहने के दौरान, पिछड़ा वर्ग का आरक्षण मुसलमानों को देकर राज्य को “तुष्टीकरण की प्रयोगशाला” बना दिया।

जहीराबाद लोकसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “जब तक मोदी जिंदा है, मैं दलितों, आदिवासियों और ओबीसी का आरक्षण मुसलमानों को धर्म के आधार पर नहीं देने दूंगा।” उन्होंने दावा किया कि जब 2004 और 2009 में, अविभाजित आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के रिकॉर्ड संख्या में सांसद एवं विधायक थे, उसने पिछड़ा वर्ग का आरक्षण मुसलमानों को दे दिया था। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में 26 जातियां लंबे समय से ओबीसी का दर्जा मांग रही हैं लेकिन कांग्रेस ने इसे मंजूरी नहीं दी बल्कि “रातोंरात” मुसलमानों को ओबीसी में श्रेणीबद्ध कर दिया।

मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने पहले दिन से ही संविधान का अपमान करना शुरू कर दिया था, जब इसने भीम राव आंबेडकर द्वारा लिखे संविधान से रामायण एवं महाभारत के चित्र हटा दिये। प्रधानमंत्री ने परोक्ष तौर पर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘शहजादे की दादी” (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) ने संविधान को चूर-चूर कर दिया और देश में आपातकाल लगा दिया तथा लाखों लोगों को जेल में डाल दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रथम प्रधानमंत्री (जवाहरलाल नेहरू) ने संविधान का अपमान किया और इसका दूसरा सबसे बड़ा अपमान उनकी (राहुल की) दादी (इंदिरा गांधी) ने किया। मोदी ने कहा कि शहजादा के पिता (पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संदर्भ में) देश में अखबारों को डराने के लिए एक कानून लाये जिसका भाजपा और मीडिया ने विरोध किया था तथा इस कदम को रोकना पड़ा था।

तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा 2013 में लाये गए एक अध्यादेश की प्रति को राहुल गांधी द्वारा संवाददाता सम्मेलन में फाड़े जाने की घटना को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि कांग्रेस नेता संविधान को बचाने के बारे में बात कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार का अध्यादेश तत्कालीन मंत्रिमंडल का फैसला था जो संविधान के तहत गठित था। उन्होंने कहा कि संविधान सभा ने फैसला किया था कि देश में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा। राहुल गांधी के संदर्भ में मोदी ने आरोप लगाया कि वोट बैंक को मजबूत करने के लिए धर्म के आधार पर पिछले दरवाजे से “बेईमानी से” कोटा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है।

सरकार चलाने के लिए संविधान को ‘धर्म ग्रंथ’ बताते हुए उन्होंने याद दिलाया कि पदभार संभालने के बाद 2014 में संसद में प्रवेश करते समय उन्होंने इसे नमन किया था। मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का “शाही परिवार” पार्टी के संविधान को भी मानने के लिए तैयार नहीं था और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी को “बाथरूम में बंद कर दिया गया” और “फुटपाथ पर फेंक दिया गया” तथा “शाही परिवार” ने कांग्रेस के संविधान की परवाह किये बिना पार्टी पर कब्जा कर लिया। रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने भरोसा जताया कि वह (केंद्र में) अपने तीसरे कार्यकाल में, संविधान के 75 वर्ष का उत्सव व्यापक स्तर पर मनाएंगे।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि “डबल आर (आरआर) टैक्स” के जरिये एकत्र किया जा रहा धन दिल्ली भेजा जा रहा है।

उन्होंने तेलुगु की सुपरहिट फिल्म ‘आरआरआर’ का संदर्भ देते हुए यह बात कही, जिसने देश-विदेश में सराहना बटोरी थी। कांग्रेस के (केंद्र की) सत्ता में आने पर 55 प्रतिशत विरासत कर लगाने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि जब पूरा विश्व आर्थिक रूप से प्रगति कर रहा था, भारत पूर्ववर्ती संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार के तहत नीतिगत पंगुता से ग्रसित था।

उन्होंने दावा किया, “यदि कांग्रेस (केंद्र की) सत्ता में आ गई तो वे विरासत कर लगाएंगे और माता-पिता की मृत्यु के बाद संतान को मिलने वाली आधी से अधिक, 55 प्रतिशत संपत्ति ले लेंगे।”

फर्जी वीडियो मामले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि पार्टी ने लोगों को गुमराह करने का खेल शुरू किया है। मोदी ने कहा कि जब भी कांग्रेस पार्टी सत्ता में रही, उसके पांच राजनीतिक सिद्धांत रहे हैं–झूठे वादे, वोट बैंक की राजनीति, माफिया एवं अपराधियों का समर्थन करना, परिवारवादी राजनीति और भ्रष्टाचार। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) ने तेलंगाना को लूटा और अब यह काम कांग्रेस कर रही है। (एजेंसी)