RS Chib
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    नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad) के समर्थन में पूर्व मंत्री आरएस चिब (Former Minister RS Chib) ने शुक्रवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। यह कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई से सातवां इस्तीफा है। इससे पहले आज़ाद के समर्थन में जीएम सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम ने इस्तीफा दिया था।

    चिब ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संबोधित अपने इस्तीफा पत्र में कहा, “कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में वर्षों से, जम्मू कश्मीर की तरक्की के लिए मैंने पूरी ईमानदारी से प्रयास किये है। मुझे लगता है कि मौजूदा परिस्थितियों में, कांग्रेस ने मेरे राज्य के भविष्य की बेहतरी में योगदान देने में अपनी गति खो दी है।” उन्होंने पत्र में कहा, “पिछले दशकों में जम्मू कश्मीर ने जो उथल-पुथल देखी है, उसे ध्यान में रखते हुए लोगों को एक बेहतर भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए आजाद जैसे निर्णायक नेता की आवश्यकता है।”

    वहीं, पूर्व मंत्री आरएस चिब ने ट्वीट कर कहा, “अपने राज्य की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी गुलाम नबी आजाद जैसे नेता की अनुपस्थिति में योगदान देने में विफल रही है जो राज्य के लोगों को बेहतरी के लिए मार्गदर्शन कर सके, इसलिए मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे रहा हूं।”

    गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को लेकर पूर्व मंत्री आरएस चिब ने बताया, “हमें पता था कि वह इस्तीफा दे देंगे, पिछले 2 महीनों से ये बातचीत चल रही थी। गुलाम नबी आजाद को पार्टी हाईकमान ने दीवार के खिलाफ धक्का दिया, उनके पास पार्टी छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। कांग्रेस ने केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर निर्णायक नेतृत्व खो दिया है। गुलाम नबी आजाद खुद नेता हैं, फैसला उनका अपना है, लेकिन वह जो भी फैसला करेंगे हम उनके साथ रहेंगे।”

    सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष सरूरी ने पार्टी से इस्तीफा देने से पहले कई अन्य नेताओं के साथ दिल्ली में आजाद से मुलाकात की।