मुंबई: भारत (India) की समुद्री सुरक्षा शक्ति और भी बढ़ गई है। बुधवार को देश की नौसेना में पनडुब्बी (Submarine) INS वेला (INS Vela) शामिल हो गई है। स्कार्पीन डिजाइन, कलवरी श्रेणी की यह चौथी पनडुब्बी है जो नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने नवल डॉकयार्ड में नौसेना बेड़े में शामिल की। इस युद्धपोत और पनडुब्बी से भारत की सागरीय ताकत काफी तेजी से बढ़ेगी। हाल के वर्षों में स्कार्पीन डिजाइन की प्रोजेक्ट-75 कलवरी श्रेणी की 3 पनडुब्बियां ‘आईएनएस कलवरी’, ‘खंडेरी’ और ‘करंज’ कमीशन हो चुकी हैं।
बता दें कि, इस पनडुब्बी की खासियत के बारे में कहा जा रहा है कि यह सबमरीन सभी प्रमुख बंदरगाहों और समुद्री ट्रायल्स पूरी कर चुकी है और सभी परीक्षणों में पूरी तरह खरी उतरी है। इसमें सभी अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया गया है। यह डीजल इंजन और बैटरी से संचालित है। यह स्टेल्थ सेंसर ध्वनि को काफी कम रख सकती है। ‘वेला’ पनडुब्बी दुश्मन के क्षेत्र में काफी तेजी से प्रवेश करती है और बिना भनक लगे उसके जहाज और पनडुब्बी को क्षणमात्र में तबाह करने में सक्षम है।
INS Vela, the fourth Scorpene-class submarine, commissioned into the Indian Navy, in the presence of Chief of Naval Staff Admiral Karambir Singh, at the naval dockyard in Mumbai pic.twitter.com/7sfdO8t1FI
— ANI (@ANI) November 25, 2021
‘वेला’ स्टेल्थ और एयर इंडिपेंडेंट प्रापल्शन समेत कई तरह की तकनीकों से लैस है, जिससे इसका पता लगाना दुश्मन के लिए आसान नहीं होगा। यह टारपीडो और ट्यूब लांच्ड एंटी-शिप मिसाइल से हमला करने में सक्षम है। वेला की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी रडार की पकड़ में नहीं आएगी। इसके अलावा इससे जमीन पर भी आसानी से हमला किया जा सकता है। इस पनडुब्बी का इस्तेमाल हर तरह के वारफेयर, ऐंटी-सबमरीन वारफेयर और इंटेलिजेंस के काम में भी किया जा सकता है।
वेला खुफिया जानकारी हासिल करने, सुरंग बिछाने और एरिया सर्विलांस जैसे खासियतों से युक्त कई अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। ‘वेला’ के बाद दो और पनडुब्बियां जल्द कमीशन की जाएंगी।