Israel bans Lashkar-e-Taiba,
Lashkar-e-Taiba

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नई दिल्ली: भारत और इजरायल की दोस्ती बड़ी मजबूत है। दोनों देश आतंकवाद का खुलकर विरोध करते रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के एक फैसले ने इसपर एक बार फिर से मुहर लगा दी है। दरअसल भारत में इज़राइल के दूतावास ने कहा, “मुंबई आतंकवादी हमलों की स्मृति के 15वें वर्ष के प्रतीक के रूप में, इज़राइल राज्य ने लश्कर-ए-तैयबा को एक आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है।

भारत सरकार द्वारा अनुरोध नहीं किए जाने के बावजूद ऐसा करने पर, इज़राइल राज्य ने औपचारिक रूप से सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं और लश्कर-ए-तैयबा को अवैध आतंकवादी संगठनों की इज़राइली सूची में शामिल करने के परिणाम के लिए सभी आवश्यक जांच और नियमों को पूरा कर लिया है।

26 नवंबर 2008 को हुआ  था अटैक

बता दें कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सबसे बड़ा आतंकी हमला  26 नवंबर 2008 को हुआ था। इस काली रात को आज भी लोग भूल नहीं पाते हैं। इस रात को हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर के कर दिया था। खौफ कि उस रात को सोचकर देशवासी आज भी सिहर जाते हैं। यह आतंकी हमला 60 घंटे तक चला था। इन आतंकियों को ठिकाने लगाने के लिए एनएसजी को बुलाना पड़ा था। इस हमले में 166 लोगों की मौत और 300 लोग घायल हुए थे। जिसमें 28 विदेशी नागरिक भी शामिल थे। हमला 26 नवंबर, 2008 को शुरू हुआ और 29 नवंबर को इसका अंत हुआ।

26/11 Terror Attack के गुन्हेंगार

मुंबई हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद और जकीउर्रहमान लखवी था दोनों ने मिलकर इस हमले की साजिश रची थी। इस आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए समंदर के रास्ते से भारत में 10 आतंकी पूरी तैयारी के साथ आये थे। जिसमें में से 9 को तो पुलिस और एनएसजी के कमांडो ने ऑपरेशन के दौरान मौत के घाट उतार दिया था। जबकि एक मात्र जिंदा आतंकी आमिर अजमल कसाब को पकड़ लिया गया था। जिसे ट्रायल के बाद 21 नवंबर 2012 की सुबह सुबह 7:30 बजे फांसी के तख्ते पर चढ़ा दिया गया।