राजौरी/जम्मू: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के राजौरी जिले में मुठभेड़ (Rajouri encounter) के दौरान शहीद हुए पांच जवानों को सेना और पुलिस ने शुक्रवार को सुबह श्रद्धांजलि अर्पित की। दरमसाल के बाजीमल इलाके में बुधवार और गुरुवार को सुरक्षा बलों के साथ 36 घंटे तक चली मुठभेड़ में अफगानिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक शीर्ष कमांडर सहित दो आतंकवादी मारे गए।
VIDEO | Army personnel pay tributes to their colleagues, who were martyred during Rajouri encounter, at Military Hospital, Jammu.#RajouriEncounter pic.twitter.com/fVFwd7kM6u
— Press Trust of India (@PTI_News) November 24, 2023
दो कैप्टन सहित पांच सैनिक शहीद
इस दौरान दो कैप्टन सहित पांच सैनिक भी शहीद हो गए। सेना ने आर्मी जनरल अस्पताल, राजौरी में पुष्पांजलि समारोह का आयोजित किया, जिसमें ‘जनरल ऑफिसर कमांडिंग रोमियो फोर्स’ तथा अन्य अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
#WATCH | J&K: Wreath laying ceremony of 5 Army personnel who lost their lives during an encounter in Rajouri, on 22nd November pic.twitter.com/jizKL1XElo
— ANI (@ANI) November 24, 2023
आतंकियों से मुकाबला करते हुए अपनी जान न्योछावर करने वाले कर्नाटक के मंगलोर के निवासी कैप्टन एम वी प्रांजल (63 Rashtriya Rifles), उत्तर प्रदेश के आगरा के निवासी कैप्टन शुभम गुप्ता (9 Para), जम्मू-कश्मीर के पुंछ के निवासी हवलदार अब्दुल माजिद, उत्तराखंड के नैनीताल रहने वाले लांस नायक संजय बिष्ट और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के पैराट्रूपर सचिन लौर हैं।
#WATCH | Rajouri encounter, J&K: The mortal remains of four Army personnel who lost their lives during the encounter, brought to Jammu for the wreath-laying ceremony.
The wreath-laying ceremony of Hav Abdul Majid, a resident of Poonch, will be held in Poonch. pic.twitter.com/UJkNQT2WvB
— ANI (@ANI) November 24, 2023
कैप्टन प्रांजल के परिवार में उनकी पत्नी अदिति जी हैं, जबकि कैप्टन गुप्ता के परिवार में उनके पिता बसंत कुमार गुप्ता हैं। हवलदार माजिद के परिवार में उनकी पत्नी सगेरा बी और तीन बच्चे, लांस नायक बिष्ट के परिवार में मां मंजू देवी और पैराट्रूपर लौर के परिवार में उनकी मां भगवती देवी ही हैं। सेना के शहीद जवानों के पार्थिव शरीरों को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक स्थान भेजा जा रहा है।