रांची: जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की पत्नी कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) ने मंगलवार को कहा कि तानाशाही ताकतों का किला ढहना शुरू हो गया है। कल्पना सोरेन का यह बयान उच्चतम न्यायालय द्वारा आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह (Sanjay Singh) को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के मामले (Delhi Liquor Policy Case) में जमानत मिलने के तुरंत बाद आया।
ये तानाशाही ताकतों के किले के ढहने की शुरुआत
कल्पना सोरेन ने संजय सिंह, उनकी पत्नी अनीता और परिवार के अन्य सदस्यों को बधाई देते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘तानाशाही ताकतों के किले के ढहने की शुरुआत हो गई है। आप नेता और राज्य सभा सदस्य संजय सिंह जी ने अन्यायपूर्ण कैद के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई जीत ली है। यह सत्य और संघर्ष की जीत है। यह ‘इंडिया’ की जीत है।”
तानाशाही ताकतों का किला ध्वस्त होना शुरु हो गया है। आप नेता और राज्यसभा सांसद श्री संजय सिंह जी ने अन्यायपूर्ण कारावास के खिलाफ एक बड़ी जंग जीती है। यह सत्य और संघर्ष की जीत है, यह INDIA की जीत है।
श्री संजय सिंह जी, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अनिता सिंह जी तथा उनके परिवारजनों को…
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) April 2, 2024
संजय सिंह को मिली जमानत
प्रवर्तन निदेशालय ने सिंह को दिल्ली सरकार की अब रद्द हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में पिछले साल चार अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा चार अक्टूबर, 2023 को गिरफ्तार किए गए सिंह ने उच्च न्यायालय के समक्ष इस आधार पर जमानत का अनुरोध किया था कि वह तीन महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं और इस अपराध में उनकी कोई भूमिका नहीं है। उच्च न्यायालय ने सात फरवरी को सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन निचली अदालत को सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया था। इसके बाद, सिंह ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति पी बी वराले की पीठ ने छह महीने से जेल में बंद संजय सिंह को रिहा करने का आदेश दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि अगर सिंह को मामले में जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।