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नई दिल्ली. जहां एक तरफ आज एक तरफ BJP संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने विपक्षी एकता पर आज जबरदस्त हमला बोला।  उन्होंने कहा कि ऐसा दिशाहीन विपक्ष आज तक नहीं देखा।  इसके साथ ही PM मोदी ने विपक्षी की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से भी की।  वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने इस पार आज पलटवार करते हुए कहा है कि, हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में आकर मणिपुर की स्थिति पर बोलने के लिए कह रहे हैं, लेकिन वो अब ‘ईस्ट इंडिया’ पर बात कर रहे हैं।  आज उनको ईस्ट इंडिया की याद आ रही है।  नाम बदलने से कुछ नहीं होता तो उनको इस पर इतनी ‘घबराहट’ क्यों हो रही है। 

दरअसल आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA) को देश का अब तक का सबसे ‘दिशाहीन’ गठबंधन करार दिया और ईस्ट इंडिया कंपनी तथा इंडियन मुजाहिदीन जैसे नामों का हवाला देते हुए कहा कि केवल देश के नाम के इस्तेमाल से लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता।

वहीं इस बाबत राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, आज मणिपुर जल रहा है, वहां दुष्कर्म हो रहे हैं। मणिपुर की बात हम कर रहे हैं और यहां प्रधानमंत्री ईस्ट इंडिया की बात कर रहे हैं।  यहां इतने सारे प्रतिनिधि संसद में 267 के तहत नोटिस दे रहे हैं। आज मणिपुर जल रहा है, वहां दुष्कर्म हो रहे हैं। मणिपुर की बात हम कर रहे हैं और यहां प्रधानमंत्री ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ की बात कर रहे हैं। 

इसके साथ ही आज खरगे ने कहा कि, “हम प्रधानमंत्री से आग्रह करते हैं कि वह संसद में आएं और मणिपुर मुद्दे पर बोलें लेकिन वे अपनी पार्टी की बैठक में ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में बात कर रहे हैं। वे विपक्षी दलों द्वारा अपना नाम I। N। D। I। A रखे जाने से क्यों डर रहे हैं? वे पटना और बेंगलुरु में हमारी सफल बैठकों से घबराये हुए हैं। अब देश के प्रधानमंत्री दिशाहीन हो गए हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या करें और कैसे करें।

उन्होंने यह भी कहा कि,”मणिपुर का मुद्दा राजस्थान, छत्तीसगढ़ या पश्चिम बंगाल जैसा नहीं है, यह इससे कहीं अधिक गंभीर है। यह देश के पूरे पूर्वोत्तर राज्यों के लिए चिंता का विषय है। मणिपुर के बाद अब मेघालय, मिजोरम में स्थिति बिगड़ रही है। यह अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मुद्दा है। उन्हें महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की कोई चिंता नहीं है। ” गौरतलब है कि, मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित की गई थी।