मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में कब क्या हो जाए बता पाना मुश्किल है। इसी तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) कब क्या बोल जाएं यह कहना मुश्किल है। इस बीच उन्होंने सुप्रिया सुले (Supriya Sule) के ‘अजित पवार (Ajit Pawar) हमारे नेता हैं’ वाले बयान पर सफाई दी है। पवार ने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि अजित पवार हमारे नेता हैं। सुप्रिया सुले ने कहा था वे भाई-बहन की तरह हैं और इसके पीछे कोई राजनीतिक मतलब तलाशने की जरूरत नहीं है।
शरद पवार ने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा हूं कि अजित पवार हमारे नेता हैं। सुप्रिया सुले ने कहा था वे भाई-बहन की तरह हैं और इसके पीछे कोई राजनीतिक मतलब तलाशने की जरूरत नहीं है। मैंने यह नहीं कहा कि अजित पवार हमारे नेता हैं। यह आपकी (मीडिया की) गलती है। ये बात सुप्रिया ने कही थी और ये बात अखबारों में भी छपी थी। उन्होंने जिस तरह का रुख अपनाया है, उसे देखते हुए वह हमारे नेता नहीं हैं।”
Satara, Maharashtra | On Supriya Sule’s statement, “Ajit Pawar is our leader,” NCP chief Sharad Pawar says, “I am not saying that Ajit Pawar is our leader. Supriya Sule had said that. They are like siblings and there is no need to look for a political meaning behind this. I did… pic.twitter.com/2RM0MKO7kW
— ANI (@ANI) August 25, 2023
गौरतलब है कि शरद पवार की बेटी और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने एक दिन पहले कहा था कि अजित पवार पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक हैं। बारामती से लोकसभा सदस्य सुले ने अजित पवार के बारे में कहा था, “अब, उन्होंने एक ऐसा रुख अपनाया है जो पार्टी के खिलाफ है और हमने विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत दी है और उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।”
इससे पहले “NCP में कोई फूट नहीं होने और अजित पवार के पार्टी के नेता होने” संबंधी सुले के बयान के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा, “हां, इसमें कोई संशय नहीं है।” उन्होंने कहा, “कोई कैसे कह सकता है कि राकांपा में फूट है? इसमें कोई संशय नहीं है कि अजित पवार हमारी पार्टी के नेता हैं।”
उन्होंने कहा, “किसी राजनीतिक दल में फूट का मतलब क्या है? फूट तब होती है जब किसी पार्टी का एक बड़ा समूह राष्ट्रीय स्तर पर अलग हो जाता है, लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ है। कुछ लोगों ने पार्टी छोड़ दी, कुछ ने अलग रुख अपना लिया… लोकतंत्र में निर्णय लेना उनका अधिकार है।”
उल्लेखनीय है कि अजित पवार और आठ अन्य NCP विधायक 2 जुलाई को राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में शामिल हो गए, जिससे पार्टी में विभाजन हो गया।