TMC MP Mahua Moitra
Photo : LSTV

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नई दिल्ली: मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने के मामले को लेकर पूरा देश शर्मसार है। अब इस मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे है। इस बीच, महिला व बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) में बयानबाजी शुरू हो गई है। 

कांग्रेस का रिपोर्ट कार्ड 

बता दें कि कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा को जिक्र कर एक रिपोर्ट कार्ड जारी किया। इस रिपोर्ट कार्ड में केंद्रीय महिला बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी की फोटो है। इसमें लिखा गया है कि यह स्मृति ईरानी का रिपोर्ट कार्ड है, जिसमें कि वो फेल साबित हुईं। इस रिपोर्ट कार्ड में यह भी लिखा गया है कि मणिपुर हिंसा पर ईरानी चुप रहीं। महिलाओं से हुए यौन उत्पीड़न: महिलाओं की दुर्दशा के बारे में अनभिज्ञ! दो महीने उन्हें बाद होश आया।

स्मृति ईरानी का जवाब 

कांग्रेस के इस रिपोर्ट कार्ड पर जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि ऐसी नीचता बहुत कम ही लोग कर पाते हैं- महिलाओं का स्कोर कार्ड रखना। जानबूझकर की गई अज्ञानता के उदाहरण बहुत कम हैं जो लगातार दिखते हैं। दोनों मोर्चों पर यानी नीचता और जानबूझकर की गई अज्ञानता में कांग्रेस ने अच्छा स्कोर किया है। वंशवाद अनुमति दे तो संसद में चर्चा करें।  

महुआ मोइत्रा क्या कहा?

वहीं, अब तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने बीजेपी नेत्री स्मृति ईरानी के रिप्लाई पर कहा कि माफ करना ये नीचता नहीं है। नीचता तो वो है जो बीजेपी मणिपुर मामले में दूसरे राज्यों के फर्जी हमले की बात कहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी हमारी बहने की जान जाने पर चुप्पी साध लेते हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि नीचता तो है जब आप हमारे पहलवानों की आप रक्षा नहीं कर पाते। आप डिक्शनरी खरीदें अगर मौनगुरु अनुमति दें।

यह है मामला 

समाचार एजेंसी पीटीआई ने इस मामले में दर्ज प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया कि भीड़ ने चार मई को एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी, जिसने कुछ लोगों को अपनी बहन से दुष्कर्म करने से रोकने की कोशिश की थी। एफआईआर के अनुसार, इसके बाद भीड़ ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया। इस मामले में पुलिस ने अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया है।  

उल्लेखनीय है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को कुकी समुदाय ने ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन किया था। जिसके बाद राज्य में हिंसा भड़क उठी, जो अभी तक शांत नहीं हुई है। इस जातीय हिंसा में अब तक 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।