मणिपुर में 8 महीने बाद भी जल रही हिंसा की आग; दो समूहों के बीच मुठभेड़ में एक की मौत, 4 घायल

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इंफाल: मणिपुर के कांगपोकपी जिले में शनिवार सुबह दो सशस्त्र समूहों के बीच मुठभेड़ में एक ग्रामीण स्वयंसेवक की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने कहा कि यह घटना राज्य की राजधानी इंफाल की पूर्वी सीमा और कांगपोकपी जिले के बीच स्थित एक जगह पर हुई।

बताया जा रहा है कि मुठभेड़ तब शुरू हुई, जब हथियारबंद बदमाश सतांग कुकी के पहाड़ी गांव में घुस आए और उन्होंने बंदूकों और बम से हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि सतांग गांव में अतिरिक्त बलों के पहुंचने के बाद हमलावर पीछे हट गए, जिसके बाद लड़ाई रुक गई। घायलों को इम्फाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि घायलों में से एक के चेहरे पर और दूसरे की जांघ पर छर्रे लगे हैं। 

आठ महीने बाद भी जारी हिंसा

उल्लेखनीय है कि  मणिपुर में बीते साल मई से कुकी और मैतेई समाज के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी. तब से अब तक मणिपुर पूरी तरह से उबर नहीं पाया है। विपक्ष राज्य और केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा है कि 60,000 केंद्रीय सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद मणिपुर संकट आठ महीने बाद भी जस का तस क्यों है।

खरगे ने अमित शाह को लिखा पत्र 

वहीं शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर की पार्टी इकाई के अध्यक्ष के साथ पिछले दिनों कथित तौर पर हुई मारपीट की घटना का हवाला देते हुए शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा और आग्रह किया कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में लोकतंत्र एवं कानून व्यवस्था की बहाली के लिए उचित कदम उठाए जाएं।