नई दिल्ली: केंद्र की मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) ने मंगलवार (25 जुलाई) को दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश से संबंधित बिल (Delhi Ordinance 2023) को मंजूरी दे दी है। जल्द ही सरकार इस बिल को संसद के मानसून सत्र में पेश कर सकती है। केंद्र सरकार ने बीती 19 मई को ये अध्यादेश जारी किया था।
केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए इस अध्यादेश में दानिक्स कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही और तबादलों के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान है। अगर यह अध्यादेश संसद से पारित हुआ तो अधिकारियो का ट्रांसफर केंद्र के अधीन यानी राज्यपाल के पास आएगी। अध्यादेश तब लाया जाता है जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है, लेकिन इसे छह सप्ताह के भीतर संसद की ओर से पारित किया जाना चाहिए।
केंद्र की और से लाए गए इस अध्यादेश का दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने पुरजोर विरोध किया है। दिल्ली सरकार ने इस अध्यादेश को असंवैधानिक भी करार दिया है। इस अध्यादेश के खिलाफ केजरीवल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। जहां शीर्ष अदालत ने इस मामले को 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपा है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने बिहार के सीएम नितीश कुमार, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार, तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन से मुलाकात कर चुके है।अरविंद केजरीवाल ने राज्यसभा में इस बिल का विरोध करने के लिए कई विपक्षी दलों से समर्थन मांगा है। कांग्रेस समेत कई दलों ने उनके समर्थन की बात कही है।
उल्लेखनीय है कि फ़िलहाल संसद का मानसून सत्र चल रहा है। इस दौरान सरकार इस बिल को कभी भी पेश कर सकती है। केंद्र सरकार ने मानसून सत्र से पहले अधिसूची भी जारी की है। जिसमें इस अध्यादेश को सबसे पहले लिस्टेड किया गया है।