A group of around 40 Indian medical students of Daynlo Halytsky Medical University, Lviv walk towards the Ukraine-Poland border for evacuation

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    नई दिल्ली. रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) में दूसरे दिन भीषण जंग चल रही है। रूसी सेना लगातार यूक्रेन के इलाकों में बमबारी कर रही है। यहां लोग रातभर घरों, सब-वे और अंडरग्राउंड शेल्टर में छिपे रहे। खाने-पीने से लेकर रोजाना की जरूरत की चीजों की कमी हो रही है। इसी संकट के बीच भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतियों (Indians) को वापस लाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने सभी 16 हजार लोगों को सकुशल वापस लाने की पूरी तैयारी कर ली है। सभी को रोमानिया और हंगरी के रास्ते विमानों के जरिए वापस लाएगी।

    40 भारतीय छात्रों का एक ग्रुप निकला यूक्रेन-पोलैंड सीमा की ओर

    यूक्रेन में जारी जंग के बीच ल्वीव में स्थित डेनलो हेलितस्की मेडिकल विश्वविद्यालय (Daynlo Halytsky Medical University, Lviv) के लगभग 40 भारतीय छात्रों का एक ग्रुप निकासी के लिए यूक्रेन-पोलैंड सीमा की ओर बढ़ रहा है। उन्हें एक कॉलेज बस ने सीमा से लगभग 8 किलोमीटर दूर छोड़ा है।

    भारतीय छात्रों का पहला जत्था चेर्नित्सि से यूक्रेन-रोमानिया सीमा के लिए रवाना

    वहीं, पोलैंड की राजधानी वॉर्सा में स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक सार्वजनिक वाहन से पोलैंड-यूक्रेन सीमा पर पहुंचने वाले भारतीय नागरिकों को शेहिनी-मेड्यका सीमा पार करने के लिए कहा गया है। वहीं भारतीय छात्रों का पहला जत्था चेर्नित्सि से यूक्रेन-रोमानिया सीमा के लिए रवाना हो गया है। MEA कैंप कार्यालय अब पश्चिमी यूक्रेन के ल्वीव और चेर्नित्सि शहरों में कार्यारत हैं। रूसी भाषी अधिकारियों को इन कैंपों में भेजा जा रहा है।

    यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि, “आज दोपहर 470 से अधिक छात्र यूक्रेन से बाहर निकलेंगे और पोरबने-साइरेट सीमा के माध्यम से रोमानिया में प्रवेश करेंगे। हम सीमा पर स्थित भारतीयों को आगे की निकासी के लिए पड़ोसी देशों में ले जा रहे हैं। भीतरी इलाकों से आने वाले भारतीयों को स्थानांतरित करने का प्रयास किया जा रहा है।”

    इन देशों की सीमाओं के जरिए छात्रों को निकलेगा भारत

    भारत भारतीय छात्रों को हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया के साथ यूक्रेन की सीमाओं के जरिए निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। बता दें कि रुसी सैन्य के हमले के बाद यूक्रेन की सरकार ने देश के हवाई क्षेत्र को बंद कर रखा है।

    अभिभावक चिंतित

    उधर, दिल्ली में रूसी दूतावास के बाहर एक पिता प्रमोद गुप्ता (जिनकी बेटी यूक्रेन में फंसी है) ने कहा कि, “मेरी बेटी खार्किव में मेडिकल सेकेंड ईयर की छात्रा है। हमने फ्लाइट टिकट बुक करने की कोशिश की, लेकिन वे मिनटों में बुक हो गए।”

    रेणु गुप्ता (जिनका बेटा यूक्रेन में फंसा है) ने कहा कि, “हम अपनी सरकार से अनुरोध करते हैं कि फंसे हुए बच्चों को सुरक्षित रूप से यूक्रेन की सीमाओं तक पहुँचाया जाए जहां से वे वापस आ सकें। वर्तमान स्थिति के कारण, हमें अभी यह पता लगाना है कि इन छात्रों को सीमा पर कैसे लाया जाएगा।”