लखनऊ : कहते हैं कि माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का पूरा परिवार जेल की हवा खा चुका है, लेकिन उनकी पत्नी अफ्शां अंसारी (Afsan Ansari) अभी भी फरार है। उसके ऊपर 75 हजार का इनाम घोषित है और कई मुकदमा में पुलिस उसको तलाश रही है, लेकिन अभी तक वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाई है। जबकि मुख्तार अंसारी की जेल में मौत हो चुकी है। इसका एक बेटा अब्बास अंसारी अभी भी जेल में बंद है, दूसरा बेटा उमर अंसारी जमानत पर है। इतना ही नहीं मुख्तार की बहू निकहत बानो भी जेल की हवा खा चुकी है। निकहत पर पति अब्बास अंसारी को जेल से भागने की साजिश करने का आरोप लगाया जा चुका है। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उनकी पत्नी अफ्शां अंसारी अपनी फरारी छोड़कर बाहर आएगी और अपने पति के अंतिम संस्कार और अन्य रस्मों रिवाज में शामिल होगीय़ या वह भी अतीक अहमद की वीबी की तरह पूरे मामले से दूरी बनाए रखेगी।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस के द्वारा लंबे समय से फरार चल रही मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर लगाने की भी कार्यवाही की जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी उनका कहीं आता पता नहीं है। उत्तर प्रदेश की पुलिस अब तक उसका पता लगाने में फेल रही है।
आपको याद होगा कि गाजीपुर, मऊ, लखनऊ समेत कई जगहों पर फर्जी तरीके से जमीन पर कब्जा करने और अपने रसूख के दम पर सरकारी जमीन पर कब्जा करके कई तरह के आर्थिक लाभ कमाने की कोशिश करने के मामले अफ्सां अंसारी पर दर्ज हैं। दबाव बनाकर जबरन जमीन की रजिस्ट्री कराने का भी केस भी अफ्शां अंसारी पर दर्ज है।
कहते हैं कि शादी के पहले अफ्शां अंसारी पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं था, लेकिन शादी के बाद उसके ऊपर कई मामले दर्ज हो गए। अब वह गैंगस्टर एक्ट, रंगदारी सहित दर्जन भर मामलों में वांछित चल रही है। लोग बताते हैं कि अफ्शां अंसारी गाजीपुर जिले के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद के दर्जी मोहल्ले के रहने वाली है।
विकास कंस्ट्रक्शन के जरिए कसा शिकंजा
पुलिस का दावा है कि कुछ साल पहले उसने मऊ के दक्षिण टोला रनि गांव के पास विकास कंस्ट्रक्शन नाम की एक फर्म बनाकर जमीन ली थी और उस जमीन पर एक गोदाम का निर्माण कराया था। बाद में उस गोदाम को फर्म के द्वारा एफसीआई को किराए पर दे दिया था। यह फर्म पांच लोगों के नाम रजिस्टर्ड थी, जिसमें मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां अंसारी के अलावा उनके दोनों साले अनवर शहजाद और आतिफ राजा का नाम था। साथ ही साथ उसमें रविंद्र नारायण सिंह और जाकिर हुसैन भी शामिल बताया जाता था।
इस मामले के बाद से फरार
इस फर्म ने अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन को गलत तरीके से अपने नाम करवाकर गोदाम बनवाया था, जिसकी जांच के बाद फर्म और गोदाम पर कार्यवाही की गई थी और 2020 में मऊ के दक्षिण टोला इलाके में मुख्तार अंसारी की पत्नी और सालों समेत पांच लोगों पर अवैध तरीके से फर्जी जमीन कब्जा करने का मुकदमा दर्ज हुआ था।
इसी मुकदमे को आधार बनाते हुए 31 जनवरी 2022 को गैंगस्टर एक्ट उसके ऊपर लगा दिया गया था। इस मुकदमे के दर्ज होने के बाद से लगातार मऊ और गाजीपुर की पुलिस ने उसके आवास तथा संभावित ठिकानों पर कई बार दबिश डाल चुकी है, लेकिन पुलिस को अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। ऐसे में अब पुलिस को इस बात का इंतजार है कि शायद वह अपने पति की मौत के बाद एक बार फिर लोगों के सामने आ जाए।