नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निजी हमला करने को लेकर शुक्रवार को निशाना साधा और कहा कि यह उस देश (पाकिस्तान) के लिए भी एक ‘‘नया निम्न स्तर” है। पाक के विदेश मंत्री स्पष्ट रूप से 1971 में इस दिन को भूल गए हैं, जो जातीय बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ पाकिस्तानी शासकों द्वारा किए गए नरसंहार का प्रत्यक्ष परिणाम था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पाकिस्तान के नेता बिलावल भुट्टो की न्यूयॉर्क में की गई टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अच्छा होता कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री अपनी ‘‘कुंठा” अपने देश में आतंकवादी संगठनों के मुख्य षड्यंत्रकर्ताओं पर निकालते, जिन्होंने आतंकवाद को ‘‘देश की नीति” का एक हिस्सा बना दिया है।
India calls Pak Foreign Minister’s remarks “‘uncivilised”
These comments are a new low, even for Pakistan. Pak’s Foreign Min has obviously forgotten this day in 1971, which was a direct result of the genocide unleashed by Pakistani rulers against ethnic Bengalis & Hindus: MEA pic.twitter.com/g6WfuddAWh
— ANI (@ANI) December 16, 2022
बागची ने कहा, ‘‘पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो ओसामा बिन लादेन का एक शहीद के रूप में महिमामंडन करता है और लखवी, हाफिज सईद, मसूद अजहर, साजिद मीर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकवादियों को पनाह देता है। कोई अन्य देश संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 126 आतंकवादी, संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 27 आतंकवादी समूह होने को लेकर शेखी नहीं बघार सकता।”
विदेश मंत्रालय ने कहा कि, हम चाहते हैं कि पाक विदेश मंत्री ने यूएनएससी में मुंबई की एक नर्स अंजलि कुलथे की गवाही को अधिक गंभीरता से सुना होता, जिसने पाक आतंकवादी अजमल कसाब की गोलियों से 20 गर्भवती महिलाओं की जान बचाई थी। स्पष्ट रूप से, वित्त मंत्री पाक की भूमिका को सफेद करने में अधिक रुचि रखते थे।