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नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों के पहले मिली एक बड़ी खबर के अनुसार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव जयराम रमेश को बीते शुक्रवार यानी 1 मार्च को एक कानूनी नोटिस भेजा है। वहीं गडकरी द्वारा भेजे गए इस नोटिस में कहा गया है कि, कांग्रेस द्वारा उनके बारे में भ्रम फैलाने वाला वीडियो शेयर किया जा रहा है। 

इस नोटिस में यह भी कहा गया कि, देश की जनता की नजरों में गडकरी के खिलाफ भ्रम, सनसनी फैलाने के इरादे से एक वीडियो शेयर किया गया है। यह कुछ नहीं बल्कि BJP की एकजुटता में दरार पैदा करने की नाकाम कोशिश है। उक्त वीडियो एक न्यूज पोर्टल को दिए गए इंटरव्यू का बताया गया है, जिसे बहुत ज्यादा तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। कांग्रेस ने यह वीडियो अपलोड किया है, इसका मौजूदा हालात से कोई भी लेना-देना नहीं है। इसके साथ ही गडकरी ने अपने भेजे नोटिस में 24 घंटे में वीडियो हटाने और 3 दिन के अंदर लिखित माफीनामे की भी बड़ी मांग की है।

क्या है वीडियो में

दरअसल भारत जोड़ो न्याय यात्रा के सोशल मीडिया  ‘X’ अकाउंट पर यह वीडियो बीते शुक्रवार 1 मार्च को पोस्ट हुआ, जिसे जयराम रमेश ने री-पोस्ट किया। वीडियो में नितिन गडकरी यह कहते दिख रहे हैं कि, आज गांव, मजदूर और किसान दुखी है। गांव में अच्छी सड़कें नहीं हैं, पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है, अच्छे अस्पताल नहीं हैं, अच्छे स्कूल नहीं हैं। कैप्शन में लिखा गया कि- अन्याय का कबूलनामा।

इसके तुरंत बाद राहुल गांधी का वीडियो है, जिसमें वे कह रहे हैं आदिवासियों का जल, जंगल और जमीन कांग्रेस सरकार उन्हें जरुर वापस लौटाएगी। बकौल गडकरी के मुताबिक कांग्रेस ने वीडियो से उन हिस्सों को काट दिया है, जहां उन्होंने बताया कि कितने प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं।

जब वीडियो देखकर हैरान हुए गडकरी

इस पूरे मामले पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के वकील बालेंदु शेखर ने कहा कि, वीडियो देखकर मेरे मुवक्किल हैरान ही रह गए, इसलिए उन्होंने यह नोटिस भेजा। अगर कांग्रेस अध्यक्ष और जयराम रमेश वीडियो नहीं हटाते और माफी नहीं मांगते तो मेरे मुवक्किल के पास उनके खिलाफ क्रिमिनल और सिविल केस दर्ज करवाने के अलावा कोई और रास्ता बाकी नहीं रहेगा। 

हालांकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के लीगत नोटिस पर अभी कांग्रेस की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।इसके साथ ही PIB ने फैक्ट चेक में कहा है कि नितिन गडकरी का जो बयान कांग्रेस ने साझा किया। वह मौजूदा सरकार के संदर्भ में नहीं है, बल्कि पूर्व की सरकार के संदर्भ में है।