नयी दिल्ली एक बड़ी खबर के अनुसार,दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) ने मंगलवार को जिस पाक-संगठित आतंकी मॉड्यूल (Pak Organised Terror Module) का भंडाफोड़ कर 6 आतंकियों को गिरफ्तार किया है, उनसे आब हो रही पूछताछ में कई हैरान कर देने वाले खुलासे हो रहे हैं। दरअसल सूत्रों की मानें तो आतंकवादियों को रेलवे पटरियों और पुलों को उड़ाने का गहन प्रशिक्षण दिया गया था। इसके साथ ही उनके निशाने पर बड़ी सभाएं भी थीं। इस पुरे घटनाक्रम में एक बार फिर स्लीपर सेल की भी अहम् भूमिका अब सामने आई है।
The terrorists who were part of the recently busted Pak-organised terror module were given training in blowing up railway tracks and bridges. Large gatherings were also on their target. The role of sleeper cells has also emerged: Delhi Police Special Cell sources
— ANI (@ANI) September 16, 2021
1993 मुंबई सीरियल बम धमाकों को दोहराने की थी भयंकर प्लानिंग
इसके साथ ही सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान द्वारा संचालित आतंकी मॉड्यूल की योजना साल 1993 में हुए मुंबई सीरियल बम धमाकों की तर्ज पर ही थी। इन लोगों ने अलग-अलग जगहों की रेकी करने के बाद अलग-अलग जगहों से लोगों को भी मिलना था।
पासपोर्ट पर बिना सील-ठप्पे के कर आए पाकिस्तान यात्रा
यह भी खबर है कि, भले ही दो आतंकवादी (पाकिस्तान के संगठित आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा) ने पाकिस्तान की यात्रा की, लेकिन उनके पासपोर्ट पर कोई भी मुहर लगी नहीं थी। उन्होंने ग्वादर पोर्ट के माध्यम से समुद्री मार्ग का विकल्प चुना, ओमान से पाकिस्तान की ओर जाते समय इन लोगों ने अपनी मोटर बोट भी बदली थी।
1993 मुंबई सीरियल बम धमाके
गौरतलब है कि 12 मार्च 1993 को मुंबई में सिलसिलेवार 12 जगहों पर हुए धमाकों में 257 लोग मारे गए थे जबकि 713 लोग घायल भी हुए थे। जहाँ सबसे पहले बॉम्बे स्टॉक एक्सेंज की 28-मंज़िला इमारत की बेसमेंट में दोपहर 1।30 बजे धमाका हुआ था। जिसमें लगभग 50 लोग मारे गए थे। इसके आधे घंटे बाद एक कार धमाका हुआ और अगले दो घंटे से कम समय में कुल 13 धमाके हो चुके थे। इस भयंकर हमले में करीब 27 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान भी पहुंचा था। इन धमाकों के मुख्य अभियुक्त दाऊद इब्राहम को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। इस प्रकरण में संजय दत्त को भी बाद में गिरफ्तार किया गया था।