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    मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुंबई की एक विशेष अदालत ने पीएफआई मामले (PFI Case) के सभी पांचों आरोपियों की एटीएस (ATS) हिरासत आठ अक्टूबर तक बढ़ा दी है। इन सभी को 22 सितंबर को आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए (UAPA) के तहत राज्य के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया था। 

    बता दें कि, एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय और विभिन्न राज्य पुलिस बलों ने हाल ही में पुरे देश में दो बार PFI के खिलाफ बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी। वहीं, देश में कथित रूप से आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के आरोप में 22 सितंबर को 15 राज्यों में पीएफआई के कुल 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। जबकि 27 सितंबर को सात राज्यों में छापेमारी कर पीएफआई से कथित तौर पर जुड़े 170 से अधिक लोगों हिरासत में लिया गया था। 

    पांच साल के लिए प्रतिबंध

    उल्लेखनीय है कि, केंद्र सरकार ने बीते बुधवार को इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों से ‘‘संबंध’’ रखने और देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया।

    आठ सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध 

    राजपत्रित अधिसूचना के अनुसार पीएफआई के आठ सहयोगी संगठनों- रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल के नाम भी यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किए गए संगठनों की सूची में शामिल हैं।