PM Modi in Lok Sabha
पीएम नरेंद्र मोदी (PTI Photo)

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद के आखरी सत्र में चुनाव से पहले अपना अंतिम भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा ने 5 वर्ष देश सेवा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए गए और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भी सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया। उन्होंने यह भी कहा कि आज का ये दिवस लोकतंत्र की एक महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है

ये पांच साल देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के

चुनाव से पहले अपने आखिरी भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि ये पांच साल देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के थे। ऐसा बहुत कम होता है कि सुधार और प्रदर्शन दोनों होते हैं और हम परिवर्तन को अपनी आंखों के सामने देख सकते हैं। देश 17वीं लोकसभा के माध्यम से इसका अनुभव कर रहा है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश 17वीं लोकसभा को आशीर्वाद देना जारी रखेगा।

लोकतंत्र की महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज का ये दिवस लोकतंत्र की एक महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है। 17वीं लोकसभा ने 5 वर्ष देश सेवा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए गए और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भी सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया।”

पीएम मोदी ने कोरोना के समय का किया जिक्र

अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कोविड के चुनौतीपूर्ण समय को भी याद किया। उन्होंने कहा कि मैं संसद सदस्यों के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने जरूरत के समय बिना सोचे-समझे अपने विशेषाधिकार छोड़ने का फैसला किया। भारत के नागरिकों को प्रेरित करने के लिए माननीय सदस्यों ने अपने-अपने वेतन और भत्ते में 30 फीसदी की कटौती करने का निर्णय लिया।

ओम बिरला का आभार किया व्यक्त 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से सदन को संबोधित करते हुए कहा, ”…आप सदैव मुस्कुराते रहते थे। आपकी मुस्कान कभी फीकी नहीं पड़ी। आपने कई मौकों पर संतुलित और निष्पक्ष तरीके से इस सदन का मार्गदर्शन किया, इसके लिए मैं आपकी सराहना करता हूं। गुस्से, आरोप-प्रत्यारोप के क्षण आए लेकिन आपने धैर्यपूर्वक स्थिति को नियंत्रित किया और सदन चलाया और हमारा मार्गदर्शन किया। मैं इसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं।”

अंग्रेजों के बनाए नियमों से तय होती रही हमारी न्याय व्यवस्था 

पीएम मोदी ने कहा, “आजादी के बाद 75 वर्षों तक हमारी न्याय व्यवस्था अंग्रेजों के बनाए नियमों से तय होती रही, लेकिन अब हमारी आने वाली पीढ़ियां गर्व से कहेंगी कि हम उस समाज में रहते हैं, जो दंड-संहिता नहीं, बल्कि न्याय सहिंता को मानता है।”

नए संसद भवन को लेकर क्या बोले?

नए संसद भवन पर बोलते पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “हर कोई चर्चा करता था कि संसद की नई इमारत होनी चाहिए। लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जाता था। यह आपका (लोकसभा अध्यक्ष) नेतृत्व था जिसने यह निर्णय लिया, यह भी आगे की बात है, सरकार के साथ बैठकें कीं और परिणामस्वरूप, देश को ये नया संसद भवन मिला।”

G20 का जिक्र 

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत को G20 की अध्यक्षता का अवसर मिला। भारत को बहुत बड़ा सम्मान मिला। देश के हर राज्य ने भारत की क्षमता और अपनी पहचान दुनिया के सामने रखी। इसका प्रभाव आज भी दुनिया के मानस पटल पर है।”