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    नई दिल्ली : मशीनीकरण ( Mechanization) की वजह से आज के समय में हैंडलूम (Handloom) का उपयोग पहले के मुकाबले बहुत कम हो गया है। जिसको ध्यान में रखते हुए ‘नेशनल हैंडलूम डे’ (National Handloom Day) यानी राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की शुरुआत की गई है। हथकरघा उद्योग हमारे आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसकी खासियत यह है कि इसे बहुत ही कम पूंजी और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। 

    हथकरघा दिवस की शुरुआत 

    राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा किया गया था। प्रधानमंत्री द्वारा चेन्नई के कॉलेज ऑफ मद्रास के शताब्दी कॉरिडोर पर राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्घाटन किया गया था। जो पहली बार 7 अगस्त, 2015 में मनाया गया था। जिसके बाद से ही यह हर साल 7 अगस्त को मनाया जाता है। ताकि लोगों में हैंडलूम को लेकर जागरूकता बनी रहे। 

    क्यों मनाया जाता है हथकरघा दिवस?

    हथकरघा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लघु और मध्यम उद्योग को बढ़ावा देने का है। यह वस्त्र मंत्रालय के अन्तर्गत आता है। बुनकर समुदाय को सम्मानित करने और भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में उनके योगदान को स्वीकार करने के लिए हथकरघा दिवस मनाया जाता है।