surrogacy
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    नयी दिल्ली. सुबह की बड़ी खबर के अनुसार अब किराए की कोख या सेरोगेसी (विनियमन) अधिनियम 2021(Surrogacy (Regulation) Act 2021) को देश के राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने भी अपनी जरुरी मंजूरी दे दी है।  इसके साथ ही अब राष्‍ट्रपति की ओर से कानून को मंजूरी मिलने के बाद इसे गजट में प्रकाशित करने के बाद कानून के रूप में भी इसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा।  पता हो कि इस कानून के जरिए सेरोगेसी को वैधानिक मान्यता देने और इसके व्यवसायीकरण को गैरकानूनी बनाने का भी जरुरी प्रावधान किया गया है। 

    केंद्र की मोदी सरकार की ओर से लाए गए इस नए कानून से सेरोगेसी के वाणिज्यिक पैमाने पर हो रहे दुरुपयोग पर भी जरुरी अंकुश लगेगा।  इस नए कानून के जरिए केवल मातृत्व प्राप्त करने के लिए ही सरोगेसी की अनुमति दी जाएगी।  इसके साथ ही अब इस कानून के जरिए सरोगेट मां को गर्भ की अवधि के दौरान चिकित्सा खर्च और बीमा कवरेज के अलावा कोई भी और वित्तीय मुआवजा नहीं दिया जा सकेगा।  पहले सेरोगेसी के लिए लोग ज्‍यादा से ज्‍यादा खर्च किया करते थे, जिसके कारण सेरोगेसी को आर्थिक लाभ या अन्‍य लाभ और व्यवसाय के लिए भी अपनाया जाने लगा था। 

    लेकिन नए कानून के तहत अब सेरोगेसी की अनुमति तब मिलेगा जब संतान का इच्‍छुक जोड़ा चिकित्‍सा के आधार पर प्रमाणि बांझपन से प्रभावित हो।  इस कानून के जरिए बच्चे पैदा करके उसे बेचने, वेश्यावृत्ति कराने और किसी अन्य प्रकार के शोषण पर भी अब बड़ी रोक लगाई जा सकेगी।  पता हो कि सेरोगेसी (विनियमन) विधेयक बीते 2019 को 17 दिसंबर को राज्यसभा से पारित करा लिया गया था।  उस समय विपक्ष के हंगामे के बीच इसे सदन में ध्‍वनिमत से मंजूरी दे दी गई थी। हालाँकि लोकसभा में ये बिल पहले ही पारित हो गया था। 

    जानें क्या है सेरोगेसी ?

    विदित हो कि सेरोगेसी बच्चे पैदा करने की एक नई तकनीक है।  जी हाँ, इस तकनीक में माता या पिता किसी की भी शारीरिक कमजोरी के चलते  यदि वे बच्चा पैदा करने में अक्षम हैं तो वे इसका सहारा ले सकते हैं।  इसके तहत  किसी महिला की कोख को किराये पर लिया जाता है।  फिर इस कोख में IVF के जरिए शुक्राणु को प्रतिरोपित किया जाता है।  जो महिला किसी दंपत्ति के बच्चे को अपनी कोख में पालती है उसे ‘सेरोगेट मदर’ कहा जाता है।  इसके पहले किराए पर कोख लेने वाली महिला और दंपत्ति के बीच एक खास एंग्रीमेंट होता है।  सरोगेट मदर को प्रेग्नेंसी के दौरान अपना ध्यान रखने और मेडिकल जरूरतों के लिए सभी जरुरी मदद और पैसे दिए जाते हैं।