Prime Minister Narendra Modi
पीएम मोदी लोकमान्य तिलक पुरस्कार समारोह को संबाेधित करते हुए Pic Source- ANI

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पुणे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज पुणे में लोकमान्य तिलक पुस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार हिंद स्वराज संघ की ओर से दिया गया। पीएम मोदी ने हिंद स्वाराज संघ के प्रति आभार जाताया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कार लोकमान्य तिलक पुस्कार से सम्मान प्राप्त कर गौरवांतित महसूस कर रहा हूं। यह मेरे लिए बहुत सम्मान और सभाग्य की बात है।

मराठी से पीएम मोदी ने की भाषण की शुरुआत 
पीएम मोदी ने समारोह को संबोधित किया। उन्होंने संबोधन की शुरुआत माराठी भाषा से की। समारोह में शामिल लोगों को मंच से आभार जताया। इसके साथ ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीएम सिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस और अजित पवार,  तिलक ट्रस्ट के अध्यक्ष दीपक मान्य सहित मंच पर मौजूद सभी का धन्यवाद किया।

पुरस्कार की राशि नमामि गंगे को समर्पित 
लोकमान्य तिलक पुरस्कार में मिले धन राशि को पीएम मोदी ने नमामि गंगे को समर्पित किया। पीएम मोदी ने कहा कि इस राष्ट्रीय पुरस्कार में मिले धन राशि को मां गंगा को समर्पित करता हूं।

लोकमान्य तिलक पुरस्कार मिलना सौभाग्य की बात
पीएम मोदी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पुणे की धरती से लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित होना यह मेरे लिए गर्व की अनुभूति है। उन्होंने कहा कि यह धरती  छत्रपति शिवाजी महाराज, ज्योदिबा बाई फूले जैसे  महान विभूतियों का है। इस धरती से सम्मान मिलना मेरे जीवन का अविष्मरणीय अनुभव है। जो जगह जो संस्था सीधे लोकमान्य से जुड़ी रही हो उसके द्वारा लोकमान्य तिलक पुस्कार मिलना यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैं इस सम्मान के लिए हिंद स्वराज संघ का और आप सभी का पूरी विनम्रता के साथ आभार और प्रणाम व्यक्त  करता हूं। पुणे की धरती से सम्मानि होना गर्व की अनुभूति है।

एक-दूसरे पर भरोसे से ही हम मजबूत होंगे
प्रधानमंत्री मोदी पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार ग्रहण करते हुए कहा कि एक-दूसरे पर भरोसा ही देश को मजबूत बनाएगा। मोदी ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि अगर अविश्वास का माहौल है तो विकास असंभव है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार के साथ मंच साझा किया। 

लोकमान्य तिलक भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रिम कतार में थे
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकमान्य तिलक स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समझते थे। मोदी ने कहा कि लोकमान्य तिलिक स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदल दी। अंग्रेजों ने उन्हें भारतीय अशांति का जनक कहा था। उन्होंने कहा कि वह लोकमान्य तिलक के नाम पर पुरस्कार पाकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रिम कतार में थे। मोदी ने कहा कि अगर विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर रखी गई चीजों का नाम बदल दिया जाता है तो आज कुछ लोग असहज हो जाते हैं।’ उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक में युवा प्रतिभाओं की पहचान करने की अनूठी क्षमता थी। वीर सावरकर इसका एक उदाहरण थे।

भारत में पहली सर्जिकल स्ट्राइक छत्रपति शिवाजी के कार्यकाल में हुई थी
मोदी ने कहा कि तिलक को वीर सावरकर की क्षमता का एहसास हुआ और उन्होंने विदेश में उनकी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब किसी पुरस्कार का नाम लोकमान्य तिलक के नाम पर रखा जाता है तो जिम्मेदारी बढ़ जाती है। प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में पुणे के योगदान की भी सराहना की। इस अवसर पर पवार ने कहा कि भारत में पहली सर्जिकल स्ट्राइक छत्रपति शिवाजी के कार्यकाल में हुई थी। राकांपा नेता ने कहा कि देश ने दो युग देखे हैं- एक तिलक का और दूसरा महात्मा गांधी का।