नयी दिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बीते बुधवार को कहा कि भारत को दसॉं एविएशन से अब तक 26 राफेल विमान मिल चुके हैं। वहीं इस अहम् राफेल (Rafale) सौदे के तहत भारत को कुल 36 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति होनी है। इस बाबत भट्ट ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि, ‘‘36 राफेल विमान की आपूर्ति प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ रही है। आज की तारीख तक 26 विमान मिल चुके हैं।’’
हाशिमारा में अब राफेल होगा तैनात :
वहीं अब सीमा पर चीन (China) से मिल रही चुनौती के बीच भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने भी अपना एक अहम कदम बढ़ा दिया है। इसके तहत पश्चिम बंगाल के हासीमारा में स्थित ईस्टर्न एयर कमांड में बुधवार को आधिकारिक तौर पर राफेल (Rafale) लड़ाकू विमान का दूसरा स्क्वॉड्रन अब तैनात हो गया है।
इस बाबत वायुसेना प्रमुख आर.के.एस भदौरिया की अगुवाई में बीते बुधवार को हासीमारा में ये प्रक्रिया पूरी हुई, इस दौरान राफेल लड़ाकू विमानों को पानी से सलामी दी गई। इस दौरान वायु सेना चीफ ने कहा कि ईस्टर्न सेक्टर को मजबूती देने के लिए राफेल की तैनाती यहां की गई है, जो काफी संवेदनशील मन जाता है।
Addressing the Stn, CAS said that the induction of Rafale had been carefully planned at Hasimara, keeping in mind the importance of strengthening IAF’s capability in the Eastern sector. pic.twitter.com/EzgMqLxP9c
— Indian Air Force (@IAF_MCC) July 28, 2021
दरअसल भारतीय वायु सेना (IAF) के जुलाई के अंत तक राफेल लड़ाकू विमान के दूसरे स्क्वॉड्रन का संचालन करेगा और इसे पश्चिम बंगाल के हाशिमारा वायुसेना अड्डे पर तैनात किया जाना है। फिलहाल राफेल विमानों का पहला स्क्वॉड्रन हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन पर तैनात है।
अरुणाचल प्रदेश की होगी चौकसी :
पता हो कि चीन ने जिस तरह से फिलहाल हमारी सीमा पर आक्रामक रवैया अपनाया हुआ है। उसके चलते अब भारत भी पूरी तरह से तैयार है और चीन की आंख में आंख मिलाकर जवाब दे रहा है। अब हासीमारा में राफेल की तैनाती से इसका सबसे ज्यादा फायदा पूर्वोत्तर की सीमा पर होगा, जहां अरुणाचल प्रदेश के आसपास चीन पहले से ही गुस्ताखी करता रहा है। लेकिन राफेल तैनाती से उसके हौंसले भी पस्त होंगे।
Recalling the glorious history of 101 Sqn, CAS said that he had no doubt that the Sqn would dominate when ever & where ever required & ensure that the adversary would always be intimidated by their sheer presence. pic.twitter.com/3zV4SNT9c6
— Indian Air Force (@IAF_MCC) July 28, 2021
गौरतलब है कि पहला राफेल विमान पिछले साल 29 जुलाई को देश में आया था। इससे चार साल पहले 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए 59,000 करोड़ रुपये के सौदे पर भारत और फ्रांस की सरकारों ने हस्ताक्षर किये थे।