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राहुल गांधी

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नई दिल्ली/थौबल: आज यानी रविवार 14 जनवरी को कांग्रेस (Congress) सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ (Bharat Jodo Myay Yatra) शुरू करेंगे। जानकारी दें की यह यात्रा मणिपुर (Manipur) के थौबल (Thoubal) जिले से शुरू होकर मुंबई तक जाएगी। इस दौरान राहुल गांधी 6000 किलोमीटर से ज्यादा का सफर भी करेंगे। यह यात्रा करीब दो महीने से ऊपर  या कहें कि 60 दिन से ज्यादा चलेगी।राहुल गांधी इस बार ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 60 से 70 यात्रियों के साथ पैदल और बस से सफर करेंगे। यह यात्रा आज दोपहर 12 बजे मणिपुर स्थित खोंगजोम युद्ध स्मारक से शुरू होगी। 

हालांकि, पहले यह राजधानी इंफाल से शुरू होने वाली थी।इस बाबत कांग्रेस के मणिपुर अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र ने कहा, “हमने बीते 2 जनवरी को राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया था कि इंफाल में हप्ता कांगजीबुंग सार्वजनिक मैदान को भारत जोड़ो न्याय यात्रा को हरी झंडी दिखाने के लिए अनुमति दी जाए। हमने यह भी घोषणा की थी कि यात्रा इंफाल से शुरू होगी और मुंबई में समाप्त होगी। लेकिन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इजाजत देने से इनकार कर दिया है।”

इतनी दुरी होगी तय 

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले निकाली जा रही यह यात्रा 67 दिन में 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान लगभग 6,700 किलोमीटर की दूरी तय की होगी। यात्रा ज्यादातर बस से होगी, लेकिन कहीं-कहीं पदयात्रा भी होगी।

इन राज्यों से गुजरेंगे राहुल 

‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगी।

क्या है यात्रा के मुद्दे 

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से एक सप्ताह पहले आरंभ हो रही कांग्रेस की इस यात्रा को लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक न्याय से जुड़ा विमर्श खड़ा करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। बताया गया कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में देश के लोगों के लिए आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय की मांग पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। 

बीरेन सिंह सरकार ने कसा शिकंजा

इधर मणिपुर सरकार ने आज थोबल जिले से कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ (Bharat Jodo Nyay Yatra) शुरू किये जाने से जुड़े कार्यक्रम पर पाबंदियां लगाते हुए कहा है कि यह कार्यक्रम एक घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए और इसमें भाग लेने वालों की अधिकतम संख्या 3,000 हो। सरकारी आदेश में कहा गया है, ‘‘रैली और यात्रा के दौरान कोई राष्ट्र-विरोधी या सांप्रदायिक या विरोध-स्वरूप नारा नहीं लगाया जाएगा और आयोजकों को राज्य के अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करना होगा। यदि क्षेत्र में शांति और लोक व्यवस्था बनाये रखने में कोई समस्या उत्पन्न होगी तो यात्रा की अनुमति तुरंत रद्द कर दी जाएगी।”