नई दिल्ली: कांग्रेस के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने चुनावी बॉण्ड विवरण (Electoral Bond Case) का खुलासा करने के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जाने को लेकर सरकार की आलोचना की है। राहुल गांधी ने इसे लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के ‘असली चेहरे’ को छिपाने का ‘अंतिम प्रयास’ बताया है। एसबीआई ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉण्ड के विवरण का खुलासा करने की समयसीमा 30 जून तक बढ़ाने का अनुरोध किया। जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों चुनावी बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया था। साथ ही कोर्ट ने एसबीआई को चुनावी बॉन्ड की जानकारी 6 मार्च तक देने का आदेश चुनाव आयोग को दिया था।
‘चंदे के धंधे’ को छिपाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी
गांधी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी ने ‘चंदे के धंधे’ को छिपाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।” उन्होंने कहा, ‘‘जब उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि चुनावी बॉण्ड का सच जानना देशवासियों का हक है, तब एसबीआई क्यों चाहता है कि चुनाव से पहले यह जानकारी सार्वजनिक न हो पाए?” गांधी ने दावा किया कि एक क्लिक पर निकाली जा सकने वाली जानकारी के लिए 30 जून तक का समय मांगना बताता है कि ‘दाल में कुछ काला नहीं है, पूरी दाल ही काली है।’
नरेंद्र मोदी ने ‘चंदे के धंधे’ को छिपाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलेक्टोरल बॉण्ड का सच जानना देशवासियों का हक़ है, तब SBI क्यों चाहता है कि चुनाव से पहले यह जानकारी सार्वजनिक न हो पाए?
एक क्लिक पर निकाली जा सकने वाली जानकारी के लिए 30 जून तक…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 4, 2024
भ्रष्टाचार पर पर्दा
उन्होंने कहा, ‘‘देश की हर स्वतंत्र संस्था ‘मोडानी परिवार’ बनकर उनके भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने में लगी है। चुनाव से पहले मोदी के ‘असली चेहरे’ को छिपाने का यह ‘अंतिम प्रयास’ है।” कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की और कहा कि सत्तारूढ़ दल अपने अथाह वित्त कोष के स्रोत का खुलासा करने से इतना क्यों घबराता है।
कोर्ट ने क्या कहा था
आपको पता हो कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने 15 फरवरी 2024 को चुनावी बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक और RTI का उल्लंघन करार देते हुए तत्काल प्रभाव से रोक लगाई थी। वहीं, सीजेआई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को अप्रैल 2019 से अब तक मिले चंदे की जानकारी 6 मार्च तक चुनाव आयोग को देने के लिए कहा था। साथ ही अदालत ने चुनाव आयोग से 13 मार्च तक यह जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा था।