Rahul Gandhi in Kurukshetra Haryana
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    कुरुक्षेत्र/ नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा शुरू की गई भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों हरयाणा के कुरुक्षेत्र में है। इस यात्रा के दौरान  उन्होंने सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर हमला बोला।  RSS के लोगों को 21वीं सदी का कौरव कहा।  राहुल गांधी ने कहा, “21वीं सदी के कौरव खाकी हाफ-पैंट पहनते हैं और शाखाएं लगाते हैं। उनके पीछे देश के 2-3 अरबपति लोग खड़े हैं। “

    राहुल गांधी ने कहा, “महाभारत में जब उस समय की जो लड़ाई थी, वही आज भी है। पांडव कौन थे? अर्जुन, भीम ये लोग कौन थे? ये लोग तपस्या करते थे। आप लोगों ने महाभारत पढ़ी है। क्या पांडवों ने कभी गलत किया? कभी नोटबंदी की? गलत GST लागू की क्या? क्योंकि वो जानते थे, ये सब चोरी करने का गलत तरीका है।”

    ‘हॉफ पैंट पहनते हैं 21वीं सदी के कौरव’

    कुरुक्षेत्र ने राहुल गांधी ने कहा कि, “21वीं सदी के कौरव हॉफ पैंट पहनते हैं। हाथ में लाठी लेकर चलते हैं और शाखा लगाते हैं। हिंदुस्तान के अरबपति कौरवों के साथ खड़े हैं। नोटबंदी, गलत GST किसके खिलाफ की गई ये समझिए।” उन्होंने यह भी कहा कि, “ये नरेंद्र मोदी ने जरूर साइन किया पर, मोदी जी का हाथ इन्ही अरबपतियों ने चलाया। उस समय के अरबपति पांडवों के साथ खड़े थे क्या? नहीं, क्योंकि अगर खड़े होते तो वो जंगल में न होते।”

     “ये देश तपस्वियों का देश है”

    कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि, “एक तरफ 5 तपस्वी थे। पांडवों के साथ हर धर्म के लोग थे। ये यात्रा मोहब्बत की दुकान है। पांडवों ने भी अन्याय के खिलाफ काम किया था। पांडवों ने भी नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोली थी।” उन्होंने यह भी कहा, “पांडवों ने डर और नफरत को मिटाने का काम किया था। डर और नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोली थी और ये मेरा नारा नहीं उनका नारा है भगवान राम का नारा है। ये देश तपस्वियों का देश है।” 

     

    “जितने जरूरी राम, उतनी ही जरूरी सीता”

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि, “RSS वाले कभी ‘हर हर महादेव’ नहीं कहते क्यों शिव जी तपस्वी थे। राम-राम, जय सिया राम कभी नहीं कहते। इन्होंने सीता जी को बहार निकाल कर फेंक दिया। कहते हैं हम नहीं कहेंगे। जितने जरूरी राम थे, उतनी ही जरूरी सीता थीं।  मैं जहां भी जाता हूं, जय सिया राम बोला जाता है।” राहुल ने कहा, “मुझे किसी ने कहा आप 3000 किमी चले तो मैंने कहा तो क्या हो गया? अगर आप किसी किसान से पूछो की आप 1 महीने में कितना चले हो, तो वो बता देंगे कि वो कितना चले। ” 

    राहुल गांधी ने अपनी टीशर्ट पर जवाब देते हुए कहा, “जब यात्रा मप्र पहुंची, तो हल्की ठंड थी। तीन गरीब बच्चे मेरे पास फटी शर्ट में आए, जब मैंने उन्हें पकड़ा तो वे काँप रहे थे। उस दिन, मैंने फैसला किया कि जब तक मैं काँपूँगा तब तक मैं केवल टी-शर्ट पहन कर रहूँगा। जब कंपकंपी और ठंड लगेगी तो स्वेटर पहनने की सोचूंगा। 

    उन्होंने कहा, “मैं महात्मा गांधी नहीं हूं। मेरे जैसे देश में करोड़ों लोग हैं। इस देश में तपस्या बहुत लोग कर रहे हैं। जो तपस्वी है चाहे वो किसान हो, मजदूर हो, छोटा व्यापारी हो। गीता में लिखा है तपस्या करो और फल मत देखो, पर ये नहीं लिखा की तपस्या करो और फल नहीं मिलेगा। इस देश की सरकार को उस तपस्वी की मदद करनी चाहिए। यात्रा का भी यही लक्ष्य है कि आपकी तपस्या जाया नहीं जानी चाहिए।”