Rahul Gandhi, Padmakar Valvi
राहुल गांधी (डिजाइन फोटो)

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नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ विपक्षीय गठबंधन इंडिया (INDIA) के भरोसेमंद साझेदारी कहे जाने वाले वामपंथी दलों ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दक्षिणी राज्य केरल के वायनाड (Wayanad) से दोबारा चुनाव न लड़ने की सलाह दी है। वामदल के नेताओं ने इसके लिए एक मजबूत तर्क भी दिया है। गठबंधन के सहयोगी की इस सलाह को कांग्रेस नेता व पार्टी किस तरह से लेती है, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा, लेकिन कांग्रेस को सभी राज्यों में सहयोगी दल दबाने की रणनीति अपनाने लगे हैं। अब तो सहयोगी दल केरल की वायनाड सीट से भी राहुल गांधी का पत्ता साफ करना चाह रहे हैं।

वामपंथी दलों ने कहा है कि अगर भारतीय जनता पार्टी से ताल ठोककर मुकाबला करना है तो राहुल गांधी को हिंदी भाषी राज्यों से चुनाव लड़ना चाहिए। वामपंथी दलों की सलाह है कि मिशन 2024 के लिए सभी लोग एकजुट होकर अगर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहते हैं तो राहुल गांधी को भी अपनी सीट उत्तर भारतीय राज्यों में चुननी चाहिए, क्योंकि अगर केरल के वायनाड से दोबारा राहुल गांधी चुनाव मैदान में उतरते हैं, तो भारतीय जनता पार्टी के नेता उनके खिलाफ एक नई चुनावी रणनीति अपनाएंगे। उसे चुनावी रणनीति से कांग्रेस व अन्य दलों को भी नुकसान होगा। 

वामदलों का कहना है कि केरल के वायनाड से दोबारा राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर भाजपा नेता उनको ‘भगोड़ा’ घोषित करके प्रचारित करेंगे। इसका असर सारे दलों के ऊपर होगा। इसलिए कांग्रेस के शीर्ष नेता को भाजपा का जनाधार वाले राज्यों में अपनी सीट चुननी चाहिए।

आपको बता दें कि कांग्रेस और राहुल गांधी के केरल से चुनाव लड़ने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए वामपंथी दलों ने अपनी यह सलाह दी है कि केरल की वायनाड सीट से एनी राजा को भाकपा उम्मीदवार बना दिया गया है। इसीलिए राहुल गांधी को यहां से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।

केरल के सत्ताधारी वामपंथी गठबंधन एलडीएफ से बनी समिति में वायनाड सीट भाकपा के खाते में गई है। इसके बाद पार्टी ने एनी राजा को उम्मीदवार बनाया है, जो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी. राजा की पत्नी हैं। विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं में शामिल डी. राजा के राहुल गांधी से काफी अच्छे संबंध बताए जाते हैं। ऐसी स्थिति में दोनों दलों के नेताओं का चुनाव मैदान में उतरना एक गलत संदेश देगा। इसीलिए वामदल राहुल गांधी को वायनाड से छोड़ने की नसीहत दे रहे हैं।

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राहुल गांधी

वामपंथी दल के नेताओं का कहना है कि केरल सहित दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में भारतीय जनता पार्टी का प्रभाव उतना अधिक नहीं है। इसलिए राहुल गांधी का फोकस उत्तर भारत होना चाहिए। दक्षिणी राज्यों में अन्य सहयोगी दल अच्छे तरीके से भारतीय जनता पार्टी को जवाब दे सकते हैं। अगर आपस में हम लोग लड़ते रहेंगे तो इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को हो सकता है।

आपको बता दें कि सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे की प्रमुख साझेदार मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मंगलवार को केरल की 20 में से 15 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इनमें राज्य के पूर्व मंत्री केके शैलजा, टीएम थॉमस इसाक समेत चार विधायक भी शामिल हैं। एलडीएफ के सहयोगियों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और केरल कांग्रेस (एम) ने पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी।