दिल्ली, नवभारत नॉलेज डेस्क. समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohia) 1962 के लोकसभा चुनाव () में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ उत्तर प्रदेश के फूलपुर से चुनाव लड़े और हार गए लेकिन अगले वर्ष उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से उपचुनाव जीतकर लोकसभा में आए। लोकसभा में उनका पहला भाषण ऐतिहासिक माना जाता है।
समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया 1962 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ उत्तर प्रदेश के फूलपुर से चुनाव लड़े और हार गए लेकिन अगले वर्ष उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से उपचुनाव जीतकर लोकसभा में आए। लोकसभा में उनका पहला भाषण ऐतिहासिक माना जाता है।
ऐतिहासिक भाषण की आज भी चर्चा
एक ऐसा भाषण जिसने न सिर्फ पंडित नेहरू को चुनौती दी बल्कि उस समय भारत में मौजूद जमीनी हकीकत को भी सामने लाया। इस भाषण को तीन आना बनाम पंद्रह आना के रूप में देखा जाता है। 21 अगस्त, 1963 को लोकसभा में अपने भाषण में लोहिया ने कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला।
PM पर रोजाना 25 हजार रुपये खर्च
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने अनाज उत्पादन की बात कही लेकिन कितना यह नहीं बताया। देश की 60 फीसदी आबादी यानी 27 करोड़ लोग हर दिन 3 आना प्रतिदिन पर जीवन यापन कर रहे हैं और प्रधानमंत्री के कुत्ते पर हर दिन 3 रुपये खर्च हो रहा है। मजदूर, शिक्षक कितना कमाता है। खुद प्रधानमंत्री पर रोजाना 25 हजार रुपये खर्च होता है। ‘
नेहरू को चुनौती
लोहिया ने खुद आंकड़े देकर बताया कि बढ़ती आबादी के हिसाब से कितना उत्पादन होना चाहिए। प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने लोहिया की कही इन बातों का विरोध किया और कहा कि योजना आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 70 फीसदी लोग 15 आना रोजाना कमा रहे हैं। इस पर लोहिया ने कहा कि 3 आना बनाम 15 आना छोड़िए 25 हजार में तो लाखों आने होते हैं। हर रोज कितना खर्च होता है इसको लेकर लोहिया पूरी तैयारी के साथ बोल रहे थे। उन्होंने पंडित नेहरू को अपने दावों को झूठा साबित करने की चुनौती दी।