अयोध्या: राम लला की नगरी में प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratistha) के बाद भगवान राम लला का निवास हो गया है वहीं पर दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है। ऐसे में राम भक्तों के लिए एक खुशखबरी सामने आई है रामलला की मूर्ति को को ‘बालक राम’ (Balak Ram) के नाम से जाना जाएगा। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की मौजूदगी में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ है।
जानिए क्यों रखा नाम ‘बालक राम’
श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से जुड़े एक पुजारी अरुण दीक्षित ने भगवान राम लला की मूर्ति का नाम ‘बालक राम’ रखने की खास वजह बताई। कहा, ” राम मंदिर में स्थापित राम लला की मूर्ति बालक स्वरूप में हैं जो बच्चे की तरह दिखती हैं, जिनकी उम्र 5 साल है। इस वजह से नाम रखा गया है।” बता दें, राम लला की मूर्ति काफी मनमोहक नजर आ रही है जिसे देखते ही खास अनुभूति होती है।
सोने से तैयार किए राम लला के वस्त्र
राम लला की मूर्ति के अलावा उनके अंगवस्त्रम को लेकर कहानी है। जिसे लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया, भगवान राम लला के आभूषण अध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्रम जैसे ग्रंथों के गहन शोध और अध्ययन के बाद तैयार किए गए। राम लला के अंगवस्त्रम की बात की जाए तो, रामलला ने बनारसी वस्त्र धारण किए हैं जिसमें एक पीली धोती और एक लाल ‘अंगवस्त्रम’ है. ‘अंगवस्त्रम’ को शुद्ध सोने की ‘जरी’ और धागों से तैयार किया गया हैं, जिसमें शुभ वैष्णव प्रतीक ‘शंख’, ‘पद्म’, ‘चक्र’ और ‘मयूर’ शामिल हैं।
मूर्ति बनाने के लिए उड़ी नींद
मैसुर के मूर्तिकार अरूण योगीराज ने राम लला की मूर्ति को मनमोहक रूप दिया हैं जिनकी प्रशंसा देशभर में हो रही हैं। मूर्तिकार ने इस मूर्ति को बनाने के लिए तीन अरब साल पुरानी चट्टान का इस्तेमाल किया हैं। जिसमें नीले रंग की कृष्णा शिल (काली शिस्ट) की खुदाई मैसूर के एचडी कोटे तालुका में जयापुरा होबली में गुज्जेगौदानपुरा से की गई थी। मूर्ति बनाने के अवसर को पाकर मूर्तिकार योगीराज की रातों की नींद उड़ गई थी वे मूर्ति बनाने को लेकर काफी उत्साहित थे।