नई दिल्ली. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू (Kiren Rijiju) ने जहां बीते शनिवार को कहा कि दुनिया को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि भारतीय न्यायपालिका और लोकतंत्र संकट में है। वहीं अब उनका यह भी कहना था कि टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों को बेहतर तरीके से समझना चाहिए कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने महान कायाकल्प की यात्रा शुरू की है।
The Members of the “Tukde-Tukde Gang” should better understand that India has embarked upon a journey of great rejuvenation under the leadership of Narendra Modi: Union Law Min Kiren Rijiju
— ANI (@ANI) March 5, 2023
दरअसल अपने ट्वीट के माध्यम से रीजीजू ने कहा कि, टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों को बेहतर तरीके से समझना चाहिए कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने महान कायाकल्प की यात्रा शुरू की है। इन गिरोहों को भारत विरोधी विदेशी संस्थाओं का समर्थन मिलता है ताकि वे भारत के खिलाफ सीधे हमले कर सकें। वे भारतीय लोकतंत्र, भारतीय सरकार, न्यायपालिका और रक्षा, चुनाव आयोग, जांच एजेंसियों जैसे सभी महत्वपूर्ण अंगों की विश्वसनीयता पर भी एक प्रकार से हमला करेंगे।
In name of freedom if everybody functions freely then what about law & order. No political party can question independence of judiciary. The judiciary can never be forced to play role of the opposition party. Nobody can even question Indian democracy: Union Law Min Kiren Rijiju pic.twitter.com/E09dTpWSC3
— ANI (@ANI) March 5, 2023
इसके साथ ही केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने यह भी कहा कि, आजादी के नाम पर अगर हर कोई स्वतंत्र रूप से कार्य करता है तो कानून और व्यवस्था का फिर क्या होगा? कोई भी राजनीतिक दल न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सवाल नहीं उठा सकता। वहीं न्यायपालिका को कभी भी विपक्षी दल की भूमिका निभाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। साथ ही कोई भी भारतीय लोकतंत्र पर किसी प्रकार का सवाल नहीं उठा सकता।
बीते शनिवार को पूर्वी राज्यों में केंद्र के वकीलों के एक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए, रीजीजू ने कहा था कि न्यायाधीशों का ज्ञान सार्वजनिक जांच से परे है। उन्होंने कहा था कि, “भारतीय न्यायपालिका पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है, विशेष रूप से न्यायाधीशों के ज्ञान को सार्वजनिक जांच के दायरे में नहीं रखा जा सकता।”
उन्होंने कहा था कि, “समय-समय पर देश के अंदर और बाहर दोनों तरफ से दुनिया को यह बताने के लिए सोचे-समझे प्रयास किए जा रहे हैं कि भारतीय न्यायपालिका संकट में है। दुनिया को संदेश दिया जा रहा है कि भारतीय लोकतंत्र संकट में है। यह कुछ समूहों द्वारा देश की छवि खराब करने का जानबूझकर किया गया प्रयास है।” रीजीजू ने यह भी कहा था कि, गुप्त मंशा से कोई भी अभियान भारत और उसके लोकतांत्रिक ढांचे को बदनाम करने में सफल नहीं हो सकता।