नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें मांग पर्ची और पहचान पत्र के बिना 2000 रुपये के नोट बदलने की अनुमति देने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अधिसूचना के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया था। न्यायालय ने कहा कि यह कार्यपालिका के नीतिगत निर्णय से संबंधित मामला है।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा अपनी व्यक्तिगत क्षमता में दायर की गई अपील को खारिज कर दिया। पीठ ने अपील खारिज करते हुए कहा, “यह कार्यपालिका के नीतिगत निर्णय का मामला है।”
Supreme Court declines to entertain a plea challenging RBI’s decision permitting citizens to exchange Rs 2000 banknotes, which are being pulled out of circulation, without any requisition slip and ID proof. pic.twitter.com/uNqYbCVQ0U
— ANI (@ANI) July 10, 2023
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 29 मई को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें मांग पर्ची और पहचान प्रमाणपत्र के बिना 2,000 रुपये के नोट बदलने की अनुमति देने वाली आरबीआई की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि यह निर्णय लोगों को असुविधा से बचाने के लिए लिया गया और वह किसी नीतिगत निर्णय पर अपीलीय प्राधिकारी के रूप में काम नहीं कर सकता। इसने कहा था कि यह नहीं कहा जा सकता कि सरकार का निर्णय त्रुटिपूर्ण या मनमाना है या यह काले धन, धनशोधन, मुनाफाखोरी या भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई थी।
उपाध्याय ने कहा था कि अपराधियों और आतंकवादियों द्वारा भी 2,000 रुपये के नोट किसी मांग पर्ची और आधार कार्ड जैसे पहचान प्रमाणपत्र के बिना बदले जा रहे हैं। (एजेंसी)