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    नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन के एक मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की उस याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा है, जिसमें उन्होंने बीमार बेटी की देखभाल के लिए अंतरिम जमानत मांगी है। न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने ईडी और अन्य को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब देने को कहा।

    पीठ ने कहा, ‘‘एसएलपी के साथ-साथ अंतरिम जमानत के लिए आवेदन पर नोटिस जारी किया जाए।” इसने कहा, “इस बीच, प्रतिवादी को याचिकाकर्ता की बेटी की चिकित्सा स्थिति को सत्यापित करने का निर्देश दिया जाता है।” सुनवाई के दौरान सिंघल की ओर से पेश वकील ने कहा कि उनकी मुवक्किल की बेटी की चिकित्सीय स्थिति के कारण देखभाल की जरूरत है और इसके लिए जमानत दी जानी चाहिए।

    शीर्ष अदालत ने ईडी से सिंघल की बेटी की स्थिति की पुष्टि करने और इस बारे में पीठ को सूचित करने को कहा। पीठ झारखंड कैडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी सिंघल की जमानत याचिका खारिज करने के झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी। सिंघल 11 मई से उनसे जुड़ी संपत्तियों पर छापेमारी के बाद से हिरासत में हैं।

    ईडी ने झारखंड के खान विभाग की पूर्व सचिव सिंघल पर धनशोधन का आरोप लगाया है। इसने कहा है कि उसने दो अलग-अलग धनशोधन जांच में अवैध खनन से जुड़ी 36 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की है। सिंघल को उनकी गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था।(एजेंसी)