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    नई दिल्ली. इस समय की बड़ी खबर के अनुसार, आज यानी गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ‘अबॉर्शन’ (Abortion) पर बड़ा फैसला दिया है। दरअसल आज अदालत ने कहा कि सभी महिलाएं सेफ और लीगल अबॉर्शन की बिल्कुल हकदार हैं। इसके साथ ही न्यायलय का कहना था शादीशुदा और अविवाहित महिलाओं के बीच भेदभाव ‘असंवैधानिक’ है।

    गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 23 अगस्त को कहा था कि, वह चिकित्सकीय गर्भपात (MTP) कानून और इससे संबंधित नियमों की इस तरह व्याख्या करेगा जिससे विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच के भेदभाव को दूर किया जा सके ताकि 24 सप्ताह तक की गर्भवती को भी गर्भपात की अनुमति दी जा सके। इसके साथ ही न्यायलय ने कहा था कि MTP नियमों के प्रविधानों को दुरुस्त करने की भी बड़ी आवश्यकता है और वह त्यागी गई महिलाओं की एक अन्य श्रेणी को भी इसके तहत शामिल करना चाहेगा।

    वहीं आज इसी MTP यानी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी पर जस्टिस डी वी चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, आधुनिक समय में यह धारणा छोड़ी जा रही है कि विवाह इन अधिकारों का स्रोत है। विधियों को हमेशा बोलने वाला माना जाता है। उन्होंने कहा कि, असंशोधित 1971 अधिनियम विवाहित महिला से संबंधित था, लेकिन 2021 के उद्देश्यों और कारणों का विवरण विवाहित और अविवाहित के बीच कोई भी खास अंतर नहीं करता है। इस प्रकार सभी सुरक्षित और कानूनी गर्भपात के पूरी तरह से हकदार हैं । गौरतलब है कि, इस तरह की पुरजोर मांग भी की जा रही थी कि, 24 सप्ताह के अंदर गर्भपात का अधिकार सभी महिलाओं को निश्चित रूप से मिलना चाहिए।