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    नयी दिल्ली. वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे (Dushyant Dave) शुक्रवार को निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण (CJI N.V Ramana) के विदाई कार्यक्रम में भावुक हो गए गए। नम आंखों के साथ उन्होंने कहा कि प्रधान न्यायाधीश ने न्यायपालिका, कार्यपालिका तथा संसद के बीच नियंत्रण एवं संतुलन बनाए रखा और दृढ़तापूर्वक ऐसा किया। दवे ने रमण को जनता का न्यायाधीश बताया। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि अदालत उन्हें ‘‘मुश्किल वक्त में भी संतुलन बनाए रखने” के लिए याद रखेगी।

    दवे ने कहा, ‘‘ मैं इस देश के नागरिकों की ओर से यह कह रहा हूं। आप उनके लिए खड़े रहे। आपने उनके अधिकारों और संविधान को बरकरार रखा। जब आपने पदभार संभाला, तो मैं इस अदालत ने जो कुछ भी देखा उसे लेकर संशय में था। मैं कहना चाहूंगा कि आपने हमारी अपेक्षाओं को पूरा किया। आपने न्यायपालिका, कार्यपालिका और संसद के बीच नियंत्रण एवं संतुलन बनाए रखा। आपने दृढ़तापूर्वक ऐसा किया।”

    सिब्बल ने कहा, ‘‘ जब समुद्र शांत होता है, तो जहाज आराम से चलाया जा सकता है। हम बहुत अशांत समय का सामना कर रहे हैं और ऐसे समय में जहाज चलाना आसान नहीं है।” उन्होंने कहा, ‘‘ मुश्किल समय में भी संतुलन बनाए रखने के लिए यह अदालत आपको याद रखेगी। आपने यह सुनिश्चित किया कि इस न्यायालय की गरिमा एवं सत्यनिष्ठा बनी रहे। आपने सरकार को जवाबदेह बनाया।” भारत के 48वें प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में एन. वी. रमण ने पिछले साल 24 अप्रैल को कार्यभार संभाला था। 16 महीने से अधिक समय के कार्यकाल के बाद वह शुक्रवार को यानी आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं।