सोनम वांगचुक ने खत्म की भूख हड़ताल
सोनम वांगचुक ने खत्म की भूख हड़ताल

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नई दिल्ली: सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuck) ने मंगलवार को लद्दाख (Ladakh) को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अपनी 21 दिन की भूख हड़ताल समाप्त कर दी। वे छह मार्च से आमरण अनशन (Hunger Strike) पर बैठे थे। हड़ताल वापस लेते हुए वांगचुक ने कहा कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी। 

21 दिन की भूख हड़ताल समाप्त करते हुए वांगचुक ने कहा, “मैं लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों और लोगों के राजनीतिक अधिकारों के लिए लड़ना जारी रखूंगा।” कई रिपोर्ट्स के अनुसार, वांगचुक के अनशन खत्म करते ही लद्दाख के विभिन्न हिस्सों में हजारों लोग जमा हो गए।

ये मांग कर रहे वांगचुक

उल्लेखनीय है कि जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की मांग लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य, स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण, लेह और कारगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट और संविधान की छठी अनुसूची लागू करना है। यही नहीं, वांगचुक विशेष भूमि और नौकरी के अधिकार और एक सार्वजनिक सेवा आयोग की स्थापना की भी मांग कर रहे हैं। इससे पहले मंगलवार को वांगचुक ने केंद्र से लद्दाख के लोगों की मांगों को पूरा करने का आग्रह किया था।

पर्यावरण के साथ तो छेड़छाड़

ज्ञात हो कि 2019 में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाते ही दोनों राज्यों के विशेष संवैधानिक पॉवर खत्म हो गई थी। जिसके बाद केंद्र ने लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया। वांगचुक का कहना है कि लदाख केंद्रशासित प्रदेश होने के वजह से इसकी सत्ता का केंद्र दिल्ली से है। ऐसे में यहां पर कई इंडस्ट्रीज आकर पर्यावरण के साथ तो छेड़छाड़ कर ही रही है। यही नहीं केंद्र द्वारा स्थानीय लोगों के विकास पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।