SpiceJet
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    नई दिल्ली: विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने स्पाइसजेट के विमानों में तकनीकी खामी की कई घटनाओं के मद्देनजर एयरलाइन को आठ हफ्तों तक गर्मियों के लिए स्वीकृत उड़ानों में से अधिकतम 50 फीसदी के संचालन का बुधवार को आदेश दिया।

    डीजीसीए के मुताबिक, इन आठ हफ्तों के दौरान बजट एयरलाइन पर नियामक कड़ी निगरानी रखेगा। बहरहाल एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि उसे डीजीसीए का आदेश मिल गया है और वह इसका पालन करेगा। उसने कहा कि नियामक के आदेश की वजह से उसकी किसी भी उड़ान को रद्द नहीं किया जाएगा, क्योंकि एयरलाइन मौजूदा ‘लीन ट्रैवल सीज़न’ (यात्रियों की संख्या कम होने) की वजह से सीमित संख्या में अपनी सेवा का संचालन कर रही है।

    डीजीसीए ने 11 मार्च को इस साल गर्मियों के लिए स्पाइसजेट की 4,192 साप्ताहिक घरेलू उड़ानों को मंजूरी दी थी। यह 29 अक्टूबर तक के लिए है। नियामक के बुधवार के आदेश के तहत एयरलाइन अगले आठ हफ्तों के लिए 2096 उड़ानों से ज्यादा का संचालन नहीं कर सकती। उन्नीस जून से लेकर पांच जुलाई के बीच स्पाइसजेट के विमानों में तकनीकी खराबी आने की कम से कम आठ घटनाएं हुईं। इसके बाद छह जुलाई को डीजीसीए ने एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया।

    विमानन नियामक ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि विभिन्न स्थलों की जांच, निरीक्षण और स्पाइसजेट की ओर से जमा कराए गए कारण बताओ नोटिस के जवाब के मद्देनजर, सुरक्षित और विश्वसनीय परिवहन सेवा के निरंतर निर्वाह के लिए, स्पाइसजेट की गर्मियों के लिए स्वीकृत उड़ानों की संख्या आठ हफ्तों तक 50 फीसदी पर सीमित की जाती है।

    डीजीसीए ने कहा कि अगर एयरलाइन इन आठ हफ्तों के दौरान 50 फीसदी से ज्यादा उड़ानों का संचालन करना चाहती है तो उसे यह दिखाना होगा कि उसके पास बढ़ी हुई क्षमता से उड़ानों का सुरक्षित रूप से संचालन करने के लिए पर्याप्त तकनीकी सहयोग और वित्तीय संसाधन हैं।

    नियामक ने कहा कि उसने पिछले साल सितंबर में एयरलाइन का वित्तीय ऑडिट किया था और पाया था कि वह पैसा आने के आधार पर कम कर रहा है तथा आपूर्तिकर्ता एवं वेंडर को नियमित आधार पर भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे कुछ पूर्जों की कमी हो गई। उसने कहा कि एयरलाइन में आतंरिक सुरक्षा की स्थिति खराब है और रखरखाव भी पर्याप्त रूप से नहीं किया जा रहा है।

    डीजीसीए ने बताया कि एयरलाइन ने कारण बताओ नोटिस का जवाब सोमवार को दिया था और इसकी ‘उचित स्तर’ पर समीक्षा की गई और पाया गया कि कंपनी तकनीकी खामी आने की घटनाओं को रोकने के लिए उपाय कर रही है। दो जुलाई को जबलपुर जा रही उड़ान के चालक दल के सदस्यों ने करीब 5,000 फुट की ऊंचाई पर कैबिन में धुआं देखा, जिसके बाद विमान दिल्ली लौट आया। 

    पांच जुलाई को चीन के चोंगकिंग शहर जा रहा स्पाइसजेट का मालवाहक विमान मौसम रडार प्रणाली के काम न करने के कारण कोलकाता लौट आया। इसी दिन ईंधन संकेतक में खराबी के कारण स्पाइसजेट की दिल्ली-दुबई उड़ान को कराची की ओर मोड़ा गया जबकि स्पाइसजेट के क्यू 400 विमान को 23,000 फुट की ऊंचाई पर विंडशील्ड में दरार आने के बाद मुंबई हवाई अड्डे पर प्राथमिकता के आधार पर उतारा गया।  (एजेंसी)