जम्मू-कश्मीर: आर्टिकल 370 (Article 370) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) बड़ा फैसला सुनाया है। उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाया है। अनुच्छेद 370 पर प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मुद्दे पर पांच सदस्यीय पीठ ने तीन फैसले दिए हैं।
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय को जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति की घोषणा की वैधता पर फैसला देने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने इसे चुनौती नहीं दी है। उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं की उन दलीलों को खारिज कर दिया कि राष्ट्रपति शासन के दौरान केंद्र द्वारा कोई अपरिवर्तनीय कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
#BreakingNews | आर्टिकल 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति के आदेश को वैध माना, 370 ख़त्म करने का फैसला सही. #Article370 #SupremeCourt #JammuAndKashmir
— Parth Tripathi (@ParthTr94896821) December 11, 2023
जी हां दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए 370 हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई है।
सीजेआई ने कहा कि राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य की ओर से केंद्र द्वारा लिए गए हर फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना, यह संविधान के अनुच्छेद एक और 370 से स्पष्ट है।
जम्मू-कश्मीर के पास देश के अन्य राज्यों से अलग आंतरिक संप्रभुता नहीं है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना, यह संविधान के अनुच्छेद एक और 370 से स्पष्ट है। जम्मू-कश्मीर में युद्ध की स्थिति के कारण संविधान का अनुच्छेद 370 अंतरिम व्यवस्था थी। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा को स्थायी निकाय बनाने का इरादा कभी नहीं था। हमारा फैसला है कि राष्ट्रपति का राज्य से नहीं बल्कि केंद्र से सहमति मांगना वैध है, भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू हो सकते हैं।
“We direct that steps shall be taken by the Election Commission of India to conduct elections to the Legislative Assembly of Jammu and Kashmir by 30 September 2024,” says CJI reading judgement in Article 370 matter. pic.twitter.com/Vt6dgWVFSD
— ANI (@ANI) December 11, 2023
आगे प्रधान न्यायाधीश ने कहा, हम निर्देश देते हैं कि निर्वाचन आयोग 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए। हम निर्देश देते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए।
हम संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए संवैधानिक आदेश जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति के इस्तेमाल को वैध मानते हैं।