Nirav Modi

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    नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) के उस आदेश के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर दो सप्ताह बाद सुनवाई करने का फैसला किया है जिसमें पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के रिश्तेदार मैनक मेहता को विदेश यात्रा की अनुमति दी गई थी।

    इससे पूर्व, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने मेहता को बैंकों को पत्र लिखने के लिए कहा था, जहां सीबीआई उसके खातों की जांच कर रही है, और लेन-देन के विवरण मांगे। पीठ ने मेहता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई का बयान दर्ज किया कि बैंकों को एक पत्र भेजा गया है जिसमें लेन-देन का विवरण मांगा गया है।

    पीठ ने सोमवार को अपने आदेश में कहा, ‘‘बैंकों ने कहा है कि मामले पर गौर किया जा रहा है। कार्यवाही दो सप्ताह बाद होगी जब हमें स्थिति रिपोर्ट मिल जाएगी।”

    देसाई ने कहा कि मेहता प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ सहयोग कर रहा है और नीरव मोदी से जुड़े धन शोधन मामले में उसे सरकारी गवाह बनाया गया था, और अब उसे सीबीआई द्वारा परेशान किया जा रहा है।

    अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि करोड़ों रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में आरोपी नीरव मोदी से मेहता का जुड़ाव था और उसने जांच में सहयोग नहीं किया। सीबीआई का आरोप है कि मेहता को पीएनबी धोखाधड़ी में गबन धन का बड़ा हिस्सा मिला, जो उसकी पत्नी के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया गया था।

    पीठ ने कहा था कि बैंकों के साथ सभी संवाद का विवरण जांच एजेंसी के साथ साझा किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह बैंक विवरण प्रस्तुत करने के बाद मेहता को विदेश यात्रा करने की अनुमति देगा और मामले की सुनवाई 14 नवंबर को तय की थी।

    बंबई उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका खारिज कर दी थी, जिसने मेहता को हांगकांग की यात्रा करने की अनुमति दी थी। सीबीआई चाहती थी कि पीएमएलए कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए। (एजेंसी)