नई दिल्ली: स्वछता के मामले में एक बार फिर मध्य प्रदेश के इंदौर ने बाजी मारी है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 पुरस्कारों में इंदौर को लगातार 6वीं बार भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में स्थान दिया गया है। वहीं, गुजरात के सूरत को दूसरे सबसे स्वच्छ शहर के रूप में और महाराष्ट्र के नवी मुंबई को भारत के तीसरे सबसे स्वच्छ शहर के रूप में स्थान दिया गया है। यह जानकारी आवास और शहरी मामलों के मंत्रालयने दी है।
Gujarat's Surat has been ranked as the 2nd cleanest city and Maharashtra's Navi Mumbai ranked as the 3rd cleanest city in India in the Swachh Survekshan 2022 Awards: Ministry of Housing and Urban Affairs
— ANI (@ANI) October 1, 2022
इंदौर मॉडल की आवश्यकता: राष्ट्रपति
बता दें कि, स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता रैंकिंग एक अक्टूबर को घोषित की गई। इसमें इंदौर ने पहला स्थान हासिल किया है। वहीं, मध्य प्रदेश को बड़े राज्यों में पहला स्थान दिया गया है। त्रिपुरा छोटे राज्यों में पहले स्थान पर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी विजेताओं को बधाई दी। इस दौरान उन्होंने सभी को इंदौर मॉडल पूरे देश में लागू करने की आवश्यकता बताई।
4355 शहरों में पहला इंदौर
स्वच्छता रैंकिंग में लगातार छठी बार नंबर वन रहकर इंदौर वासियों ने यह साबित कर दिया है कि, शहर में सफाई शहर की आदत और संस्कार बन चुकी है। इस कड़े मुकाबले के 4355 शहरों को पछाड़ते हुए इंदौर ने फिर स्वच्छता का ताज पहना है। वहीं, बात करें राज्यों की तो ‘स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022’ में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है, इसके बाद छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
महाराष्ट्र का पंचगनी पहले स्थान पर
गौर हो कि, एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में महाराष्ट्र का पंचगनी पहले स्थान पर रहा, उसके बाद छत्तीसगढ़ का पाटन (एनपी) और महाराष्ट्र का करहड़ का नंबर है। वहीं, 1 लाख से अधिक आबादी की श्रेणी में हरिद्वार को सबसे स्वच्छ गंगा शहर घोषित किया गया, इसके बाद वाराणसी और ऋषिकेश का स्थान है। एक लाख से कम आबादी वाले गंगा शहरों में बिजनौर पहले स्थान पर था। इसके बाद क्रमशः कन्नौज और गढ़मुक्तेश्वर हैं। इस सर्वेक्षण में, महाराष्ट्र के देवलाली को देश का सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड चुना गया है।
स्वच्छ सर्वेक्षण का 7 वां संस्करण स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की प्रगति का अध्ययन करने के साथ ही विभिन्न स्वच्छता और स्वच्छता मानकों के आधार पर शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को रैंक करने के लिए आयोजित किया गया था।