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नई दिल्ली/मदुरै. मदुरै में चिथिरई उत्सव के मदुरै में चिथिरई उत्सव जारी है। उत्सव के 11वें दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। जानकारी दें कि बीते 2 मई को देवी मीनाक्षी और अम्मान सुंदरेश्वर की दिव्य शादी और अब आज रथ महोत्सव हो रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुँच रहे हैं। इसके पहले उत्सव के आठवें दिन देवी मीनाक्षी अम्मन के लिए राज्याभिषेक समारोह के रूप में जाना जाने वाला पट्टाभिषेकम समारोह आयोजित किया गया था।

वहीं आज का समारोह भी कई संस्कारों के साथ शुरू हुआ। इसके पहले आठवें दिन देवी मीनाक्षी अम्मन के उत्सव में देवता के हीरे के मुकुट पर ‘अभिषेकम’ किया गया, उसके बाद ‘दीपाराधना’ (दीप जलाना) किया गया। जानकारी हो कि, मीनकासी अम्मन को सुशोभित करने वाले इस मंदिर के हीरे के मुकुट को ‘रायार का मुकुट’ कहा जाता है। 

दंतकथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि यह हीरे का मुकुट राजा कृष्णदेवराय के दरबार में मंत्री अप्पाजी रायर द्वारा देवी मीनाक्षी को उपहार में दिया गया था। स्वर्ण राजदंड पर पहुंचने के बाद, एक पुजारी स्वामी सन्निधि के ‘प्रक्रम’ के चारों ओर आया और उसे देवी मीनाक्षी के पास रख दिया। यह त्योहार भगवान सुंदरेश्वर से भगवान मीनाक्षी को तमिल महीने के चित्रई से अवनी तक शहर पर शासन करने के लिए सत्तारूढ़ सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक है।

बता दें कि बीते 23 अप्रैल को तमिलनाडु के मदुरै में मीनाक्षी अम्मन मंदिर में ‘चिथिराई’ उत्सव का ध्वजारोहण समारोह भी आयोजित हुआ  था। तब मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर में ध्वजारोहण समारोह देखने के लिए हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी । ध्वजारोहण के दौरान मंदिर के प्रमुख देवताओं, देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर को पालकी में देवी पिरियाविदाई के साथ लाया गया था। 

इससे पहले 27 अप्रैल को, चिथिरई उत्सव के चौथे दिन, मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर में देवताओं को पारंपरिक कवच में सजाया गया था, रत्नों से जड़ा हुआ था और एक सुनहरी पालकी में सड़कों के चारों ओर जुलूस भी निकला था। देवताओं को दिन के दौरान विलापुरम के पावक्कई मंडागपदी में रखा गया और शाम 6।30 बजे सोने की पालकी में जुलूस निकाला गया था। वहीं भक्तों, विशेष रूप से बच्चों ने भगवान के रूप में कपड़े पहने, मंदिर में भीड़ जमा की और कार्यक्रम में भाग लिया। 

आज के इस रथ महोत्सव के बड़े उत्सव के बाद इस ख़ास उत्सव का समापन आगामी 4 मई को मीनाक्षी अम्मन मंदिर में तीर्थवारी के साथ होगा। फिर चितराई उत्सव के हिस्से के रूप में, कल्लाघर का वैगई नदी में आगामी 5 मई को अवतरण भी होगा। मदुरै में इस उत्सव को बड़े ही जोर शोर से मनाया जाता है।