Amit Shah

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हैदराबाद: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को ऐलान किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) आगामी विधानसभा चुनावों में यदि सत्ता में आती है तो वह तेलंगाना के सभी निवासियों के लिए अयोध्या में राम मंदिर की मुफ्त यात्रा सुनिश्चित करेगी। गडवाल में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पिछले 70 वर्षों में राम मंदिर के निर्माण में बाधा डाली और देरी की।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंदिर का भूमि पूजन किया था और प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को की जाएगी। शाह ने रैली में मौजूद लोगों से तेलंगाना में भाजपा को चुनने की अपील की और कहा कि पार्टी नीत सरकार सभी लोगों को अयोध्या में भगवान राम के मुफ्त दर्शन कराने की व्यवस्था करेगी। तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इसने मुसलमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण दिया, जो ‘‘असंवैधानिक” है।

शाह ने कहा कि यदि राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो धर्म के आधार पर दिये गए आरक्षण को रद्द कर दिया जाएगा और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) तथा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का कोटा बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस और बीआरएस, दोनों को पिछड़ा वर्ग विरोधी दल बताते हुए दावा किया कि केवल भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही पिछड़ा वर्ग का कल्याण कर सकते हैं। उन्होंने पिछड़े वर्ग से आने वाले नेता को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने का भाजपा का वादा भी दोहराया।

बीआरएस सरकार के कथित अधूरे वादों को गिनाते हुए शाह ने अपने भाषण में कहा कि केसीआर सरकार ने झूठे वादे करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तेलंगाना के युवा राज्य लोक सेवा आयोग के प्रश्न पत्र 16 बार लीक होने से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा पारदर्शी तरीके से युवाओं को पांच वर्षों में 2.5 लाख सरकारी नौकरियां मुहैया करेगी।

शाह ने तेलंगाना की आबादी में ओबीसी की हिस्सेदारी 52 प्रतिशत होने का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री पद इस समुदाय से आने वाले नेता को दिया जाएगा। उन्होंने बीआरएस को ‘भ्रष्टाचार रिश्वत समिति’ करार देते हुए आरोप लगाया कि कालेश्वरम सिंचाई परियोजना और मिशन भागीरथ सहित विभिन्न सरकारी परियोजनाओं में करोड़ों रुपयों का भ्रष्टाचार हुआ है। शाह ने बीआरएस विधायकों पर यह आरोप भी लगाया कि वे दलित बंधू योजना के लाभार्थियों से एक लाख से तीन लाख रुपये तक की रिश्वत ले रहे हैं।

उन्होंने बीआरएस सरकार पर हमला जारी रखते हुए आरोप लगाया कि यह तुष्टिकरण की राजनीति में शामिल है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि राज्य सरकार ने उर्दू को दूसरी भाषा का दर्जा और मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण दिया है। कांग्रेस और बीआरएस को ‘परिवारवाद’ करार देते हुए शाह ने दावा किया कि केसीआर अपने बेटे के.टी. रामा राव को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, जबकि (कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष) सोनिया गांधी अपने बेटे राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने निर्णय लिया है कि यदि हमारी सरकार बनती है तो कोई बेटा-बेटी मुख्यमंत्री नहीं बनेगा, बल्कि पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवार से आने वाला नेता मुख्यमंत्री बनेगा।” उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के सुशासन और केसीआर की अनदेखी के बीच एक को चुनने के लिए है।” (एजेंसी)